समय (Time management facts in hindi)

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समय (Samay)- (Time management facts in hindi):

मनुष्य के जीवन में समय की उपयोगिता, उसके कार्य के अनुसार निर्धारित होती है| यदि कोई व्यक्ति किसी निश्चित अवधि के कार्य पर आधारित है तो, वह अपने समय को अधिक महत्व देगा वहीं, दूसरी ओर जो व्यक्ति निरुद्देश्य होगा, वह अपने समय को व्यर्थ ही गवा देगा|

इन दोनों परिस्थितियों में यह पहचान पाना कठिन है कि, समय का सदुपयोग किसने किया क्योंकि, मनुष्य के जीवन का उद्देश्य केवल और केवल आनंद की प्राप्ति है माध्यम चाहे कुछ भी हो, अंत में वह ख़ुशी से ही ढूंढता है किंतु, यदि जीवन भर अपने समय का सदुपयोग करते हुए भी, हमें ख़ुशी नहीं मिल रही तो, हमें अपने समय की परिभाषा में विचार करने की आवश्यकता है| क्या वास्तव में समय कम है जो, आप इतना परेशान है? समय की प्रवृत्ति को समझने के लिए कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|

1. समय क्या है?
2. हमारे जीवन में समय का क्या महत्व है?
3. क्या हम समय में पीछे जा सकते हैं?
4. मेरा समय कैसा चल रहा है?
5. मेरा समय कब बदलेगा?

Time management facts in hindi
Image by Eugene Kucher from Pixabay

कुछ लोगों को आपने कहते सुना होगा कि, “टाइम इज मनी” इससे साबित होता है कि, लोगों के जीवन में धन को, समय के समानांतर दिखाया गया है और यही कारण है कि, हम भ्रमित होकर अनुचित केंद्र को चुन लेते हैं फलस्वरूप, हम न ही धन का आनंद ले पाते और न ही अपना समय बचा पाते और भौतिक विषय वस्तुओं के लिए, अपना मूल्यवान समय व्यर्थ व्यय कर देते हैं| तो क्या, पैसे कमाना बुरी बात है? जी नहीं, लेकिन अपने सत्य को दाव में लगाकर, धन अर्जित करना निंदनीय है| हमें यह समझना होगा कि, समय का अर्थ धन नहीं बल्कि, आपके दुखों से मुक्ति है अर्थात, धन का उद्देश्य ही खुशियाँ प्राप्त करना है|

वस्तुतः मनुष्य पैसे अपने दुखों से मुक्त होकर, खुशियाँ पाने के लिए ही कमाते हैं किंतु, धन प्राप्त करने के पश्चात भी वह आनंद प्राप्त नहीं होता जिसकी कल्पना की गई थी| आइए, एक एक करके इन बातों को गहराई से समझने का प्रयास करते हैं|

समय क्या है?

समय क्या हैः what is the time?
Image by Gerd Altmann from Pixabay

समय परिवर्तन है अर्थात बदली हुई परिस्थितियों को ही, समय समझा जाता है| समय को तीन भागों में विभाजित किया जाता है| भूत, भविष्य और वर्तमान| जहाँ, वर्तमान केवल द्रष्टा का होता है जो, समय के बाहर स्थित है और भूत-भविष्य समय के अंदर ही उपस्थित हैं| उदाहरण से देखें तो, बहती हुई नदी को, दो तरह के लोग देख सकते हैं| एक जो, नदी के प्रवाह में अंदर है और दूसरा जो किनारे पर खड़ा है| यहाँ, नदी के साथ बहने वाले का कोई वर्तमान नहीं होगा क्योंकि, स्थिर अवस्था ही वर्तमान कहलाती है जो, बह रहे मनुष्य को उपलब्ध नहीं हो सकती| किन्तु, किनारे पर खड़े मनुष्य के लिए, नदी केवल वर्तमान में ही है जो, नदी के धार से अनछुआ है| अतः समय के साथ बहने वालों का वर्तमान नहीं और द्रष्टा का कोई आदि-अंत अथवा भूत-भविष्य नहीं| यहाँ मानवीय चेतना को ही “द्रष्टा” की संज्ञा दी गयी है| वस्तुतः यदि आप कहीं बैठे हुए सो जाए तो, नींद खुलने के बाद, बिना घड़ी देखे समय का पता नहीं चलता और यदि आपको अचेत कर दिया जाए तो, आप अपने दिनों से भी अनभिज्ञ रह जायेंगे| वस्तुतः प्रत्येक मनुष्य के लिए, उसका समय अलग होता है जिसे, वह स्वयं की मनोवैज्ञानिक परिस्थितियों के अनुसार तय करता है| व्यक्ति विशेष के लिए, समय की विभिन्न अवस्थाएँ हो सकती हैं| किसी के लिए, समय काटना आनंद की अनुभूति देता है और किसी के लिए, वही समय बोझ बन जाता है|

हमारे जीवन में समय का क्या महत्व है?

हमारे जीवन में समय का क्या महत्व हैः What is the importance of time in our life?
Image by Mohamed Hassan from Pixabay

जैसा कि, उपरोक्त बिंदु से स्पष्ट है कि, प्रत्येक व्यक्ति के लिए उसका समय अलग होता है| कोई भी मनुष्य समय का उपयोग, अपनी इच्छा पूर्ति के लिए करता है लेकिन, अंत समय तक वह, जिसे ढूँढ रहा होता है, उसे प्राप्त नहीं कर पाता और उसका समय समाप्त हो जाता है|

मनुष्य लोभवश अपने कार्य का चुनाव करता है| किन्तु कर्म फल की अभिलाषा में, प्रारंभ किए गए कार्य मनोकामना पूर्ण करने में असमर्थ रह जाते हैं जिससे, मनुष्य का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है| समय का सदुपयोग समझने से पहले स्वयं को जानना अनिवार्य है|

क्या हम समय में पीछे जा सकते हैं?

क्या हम समय में पीछे जा सकते हैंः Can we go back in time?
Image by ThankYouFantasyPictures from Pixabay

हमें पीछे जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि, हम हमेशा अपने अतीत में ही जीते हैं अर्थात, प्रत्येक मनुष्य की पहचान उसके अतीत के आधार पर ही तय की जाती है| जैसा समाज का इतिहास होता है उसी भांति की सोच, हमारे मन में जगह बना लेती है| यदि कोई अपने बचपन में किसी घटना से डर गया हो तो, वह भविष्य में भी भय का अनुभव करता है और उसी के अनुरूप, वह अपनी मानसिक संरचना कर लेता है हालाँकि, हमारा उद्देश्य समय के पार जाना है न कि, समय के चक्रव्यूह में फंसकर अपना जीवन नीरस करना|

मेरा समय कैसा चल रहा है?

मेरा समय कैसा चल रहा हैः How is my time?
Image by Enrique Meseguer from Pixabay

यदि आप अपने इच्छा के अनुरूप फल प्राप्त कर रहे हैं तो, आपको आपका समय अच्छा चलता हुआ प्रतीत हो रहा होगा किंतु, यह कोहरे में किया हुआ, अपरिचित मार्ग साबित होगा जहाँ, आप आगे पछताने वाले हैं| भविष्य में फल प्राप्ति के लिए, किए गए सभी कार्य क्षणिक खुशियाँ ही दे सकते हैं जो, बहुत ही जल्द निराशा में बदल जाएंगी|

यदि आप वास्तव में अपना समय अच्छा करना चाहते हैं तो, किसी ऐसे कार्य को चुनना होगा जिसे करना ही, आनंददायक हो जिसमें, आपकी मनोकामना का समावेश न हो और सबसे विशेष बात, आपके उस कार्य का संसार में, सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हो तभी आप, अपने समय को अनुकूल कर सकेंगे और जीवन का आनंद प्राप्त करेंगे|

मेरा समय कब बदलेगा?

मेरा समय कब बदलेगाः When will my time change?
Image by HANSUAN FABREGAS from Pixabay

आपका समय बदलना, आपके हाथों में है यही, सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि, आप स्वयं को नहीं जानते इसलिए, दुनिया की बतायी हुई सलाह को, सत्य समझ कर उसी के पीछे चल देते हैं| अब आपका सवाल होगा कि, “फिर हम कैसे अपने अनुकूल, अपना समय परिवर्तित कर सकते हैं? वस्तुतः, यहाँ उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति स्वतंत्रता ढूँढ रहा है अर्थात, हम चाहते हैं कि, समय की बेड़ियाँ हमें निरंकुश कर दें ताकि, हम स्वाधीनता का अनुभव कर सकें और आनंद के भवसागर में डूब जाए लेकिन, हमारा जीवन ही हमारे लिए बंधन बन जाता है जहाँ, हम सभी को समय नहीं दे पाते और मन ही मन द्रवित होते रहते हैं| आप जब A के पास होते हैं तो B की याद आती है और B के पास पहुँचते ही C की सोच उत्पन्न हो जाती है| अतः अपने जीवन का आत्मावलोकन करते हुए, व्यर्थ व्यक्तियों का साथ छोड़ना ही उत्तम मार्ग है|

मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है, स्वयं के बंधनों से मुक्ति जिसके, प्राप्त होते ही समय का बंधन हट जाएगा और आपका जीवन, आनंदित हो उठेगा| मुक्ति के लिए, अपना सारा जीवन समर्पित किया जा सकता है किंतु, स्वतंत्रता के साथ समझौता अनुचित होगा| स्वतंत्रता प्राप्ति उद्देश्यों के अतिरिक्त कहीं भी समय देना, भविष्य में दुखद होगा|

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