समय (Samay)- (Time management facts in hindi):
मनुष्य के जीवन में समय की उपयोगिता, उसके कार्य के अनुसार निर्धारित होती है| यदि कोई व्यक्ति किसी निश्चित अवधि के कार्य पर आधारित है तो, वह अपने समय को अधिक महत्व देगा वहीं, दूसरी ओर जो व्यक्ति निरुद्देश्य होगा, वह अपने समय को व्यर्थ ही गवा देगा|
इन दोनों परिस्थितियों में यह पहचान पाना कठिन है कि, समय का सदुपयोग किसने किया क्योंकि, मनुष्य के जीवन का उद्देश्य केवल और केवल आनंद की प्राप्ति है माध्यम चाहे कुछ भी हो, अंत में वह ख़ुशी से ही ढूंढता है लेकिन, यदि जीवन भर अपने समय का सदुपयोग करते हुए भी, हमें ख़ुशी नहीं मिल रही तो, हमें अपने समय की परिभाषा में विचार करने की आवश्यकता है| क्या वास्तव में समय कम है जो, आप इतना परेशान है? समय की प्रवृत्ति को समझने के लिए कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|
1. समय क्या है?
2. हमारे जीवन में समय का क्या महत्व है?
3. क्या हम समय में पीछे जा सकते हैं?
4. मेरा समय कैसा चल रहा है?
5. मेरा समय कब बदलेगा?
कुछ लोगों को आपने कहते सुना होगा कि, “टाइम इज मनी” इससे साबित होता है कि, लोगों के जीवन में धन को, समय के समानांतर दिखाया गया है और यही कारण है कि, हम भ्रमित होकर ग़लत केंद्र को चुन लेते हैं फलस्वरूप, हम न ही धन का आनंद ले पाते और न ही अपना समय बचा पाते और भौतिक विषय वस्तुओं के लिए, अपना क़ीमती समय व्यर्थ ख़र्च कर देते हैं| तो क्या, पैसे कमाना बुरी बात है? जी नहीं, लेकिन अपनी खुशियों को दाव में लगाकर, धन अर्जित करना निंदनीय है| हमें यह समझना होगा कि, समय का अर्थ धन नहीं बल्कि, आपके दुखों से मुक्ति है अर्थात, धन का उद्देश्य ही खुशियाँ प्राप्त करना है|
ज़रा सोचिए, आप पैसे भी अपने दुखों से आज़ाद होकर, खुशियाँ पाने के लिए ही कमाते हैं ना लेकिन, जब वही पैसा आपके पास आ जाता है तो, फिर वह ख़ुशी हासिल क्यों नहीं होती? आइए, एक एक करके इन बातों को गहराई से समझने का प्रयास करते हैं|
समय क्या है?
समय परिवर्तन है अर्थात बदली हुई परिस्थितियों को ही, समय समझा जाता है| यदि आप कहीं बैठे हुए सो जाए तो, नींद खुलने के बाद, बिना घड़ी देखे वक़्त का पता नहीं चलता और यदि आपको बेहोश कर दिया जाए तो, आप अपने दिन भी नहीं बता सकेंगे कि, कितने दिनों से आप बेहोश हैं| दरअसल हर व्यक्ति के लिए, उसका समय अलग होता है जिसे, वह स्वयं की मनोवैज्ञानिक परिस्थितियों के अनुसार तय करता है| प्रत्येक व्यक्ति के लिए, समय की अलग अलग अवस्थाएँ हो सकती है| किसी के लिए, समय काटना आनंद की अनुभूति देता है और किसी के लिए, वही समय बोझ बन जाता है|
हमारे जीवन में समय का क्या महत्व है?
जैसा कि, उपरोक्त बिंदु से स्पष्ट है कि, हर व्यक्ति के लिए उसका समय अलग होता है| कोई भी मनुष्य समय का उपयोग, अपनी इच्छा पूर्ति के लिए करता है लेकिन, अंत समय तक वह, जिसे ढूँढ रहा होता है, उसे प्राप्त नहीं कर पाता और उसका समय समाप्त हो जाता है|
प्रत्येक मनुष्य लोभवश अपने कार्य का चुनाव करता है| किन्तु कर्म फल की अभिलाषा में, प्रारंभ किए गए कार्य मनोकामना पूर्ण करने में असमर्थ रह जाते हैं जिससे, मनुष्य का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है| समय का सदुपयोग समझने से पहले स्वयं को जानना अनिवार्य है|
क्या हम समय में पीछे जा सकते हैं?
हमें पीछे जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि, हम हमेशा अपने अतीत में ही जीते हैं अर्थात, प्रत्येक मनुष्य की पहचान उसके अतीत के आधार पर ही तय की जाती है| जैसा समाज का इतिहास होता है उसी तरह की सोच, हमारे मन में जगह बना लेती है| यदि कोई अपने बचपन में किसी घटना से डर गया हो तो, वह उसे भविष्य में भी महसूस करता है और उसी के अनुरूप, वह अपनी मानसिक संरचना कर लेता है हालाँकि, हमारा उद्देश्य समय के पार जाना है न कि, समय के चक्रव्यूह में फंसकर अपना जीवन नीरस करना|
मेरा समय कैसा चल रहा है?
यदि आप अपने इच्छा के अनुरूप फल प्राप्त कर रहे हैं तो, आपको आपका समय अच्छा चलता हुआ प्रतीत हो रहा होगा लेकिन, यह कोहरे में किया हुआ, अनजान सफ़र बन सकता है जहाँ, आप आगे पछताने वाले हैं| भविष्य में फल प्राप्ति के लिए, किए गए सभी कार्य क्षणिक खुशियाँ ही दे सकते हैं जो, बहुत ही जल्द निराशा में बदल जाएंगी|
यदि आप वास्तव में अपना समय अच्छा करना चाहते हैं तो, किसी ऐसे कार्य को चुनना होगा जिसे करना ही, आनंददायक हो जिसमें, आपकी मनोकामना का समावेश ना हो और सबसे विशेष बात, आपके उस कार्य का संसार में, सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हो तभी आप, अपने समय को बेहतर कर सकेंगे और एक नई ज़िंदगी का आनंद प्राप्त करेंगे|
मेरा समय कब बदलेगा?
आपका समय बदलना, आपके हाथों में है यही, सबसे बड़ी समस्या है क्योंकि, आप स्वयं को नहीं जानते इसलिए, दुनिया की बतायी हुई सलाह को, सत्य समझ कर उसी के पीछे चल देते हैं| अब आपका सवाल होगा कि, “फिर हम कैसे अपने अनुकूल, अपना समय परिवर्तित कर सकते हैं? दरअसल, यहाँ मौजूद प्रत्येक व्यक्ति आज़ादी ढूँढ रहा है अर्थात, हम चाहते हैं कि, समय की बेड़ियाँ हमें आज़ाद कर दें ताकि, हम स्वतंत्रता का अनुभव कर सकें और आनंद के भवसागर में डूब जाए लेकिन, हमारा जीवन ही हमारे लिए बंधन बन जाता है जहाँ, हम सभी को समय नहीं दे पाते और मन ही मन द्रवित होते रहते हैं| आप जब A के पास होते हैं तो B की याद आती है और B के पास पहुँचते ही C की सोच उत्पन्न हो जाती है|
प्रत्येक मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है, स्वयं के बंधनों से मुक्ति जिसके, प्राप्त होते ही समय का बंधन हट जाएगा और आपका जीवन, आनंदित हो उठेगा| मुक्ति के लिए, अपना सारा जीवन समर्पित किया जा सकता है| इसके अतिरिक्त कहीं भी समय देना, भविष्य में दुख देने वाला होगा|