प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information):
प्यार या प्रेम एक ऐसा सागर है, जिसकी गहराई नापना आसान नहीं लेकिन, हमें प्यार का वास्तविक मतलब ही नहीं पता| आज दुनिया में प्यार के मायने बदल चुके हैं| जहाँ लोग प्यार को स्वार्थ के चश्मे से देखते हैं और शारीरिक ज़रूरतों को पूरा करना ही, प्यार समझते हैं| जिसका परिणाम दुखद होता है| प्यार संयोग की बात नहीं बल्कि, एक चाहत है जिसे, समझने के लिए हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|
1. प्यार क्या है?
2. जीवन में प्यार का महत्व क्या है?
3. प्यार कब करना चाहिए?
4. क्या किसी से प्यार करना गलत है?
5. सच्चा प्यार कैसे पता चलता है?
6. प्यार में धोखा मिले तो क्या करे?
7. प्यार किससे करना चाहिए?
![प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information): प्यार की बातें: love talks facts in hindi](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar.jpg)
जब तक आप स्वयं को नहीं जानते, तब तक आप प्रेम नहीं कर सकते| प्रेम करने के पहले, अपने अतीत के मानकों से बाहर आना होगा, तभी आप सच्चे प्यार को देख सकेंगे| प्यार न ही तोहफ़े देने लेने का नाम है और न ही, शारीरिक संबंधों को स्थापित करने का काम| तो फिर क्या है, वास्तविक प्रेम क्योंकि, आज तक इसी तरह के प्यार को, हमारे समाज में परिभाषित किया गया है और वैसा ही चित्रण, फ़िल्मों के माध्यम से, समाज में प्रसारित किया जाता है| जिससे हर व्यक्ति, प्रेम संबंधित विषयों में केवल और केवल भ्रमित होता है| इस भ्रम को तोड़ने के लिए, चलिए चलते हैं, प्यार के ख़ूबसूरत प्रश्नों की ओर|
प्यार क्या है?
![प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information): प्यार क्या हैः what is love?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar1.jpg)
परहित समर्पण ही प्रेम है अर्थात, बिना किसी स्वार्थ के, दूसरे की ख़ुशियों प्रति, जीवन समर्पित करना ही प्यार कहलाता है| प्रेम का दायरा बहुत विशाल है| जिसके अंतर्गत, संसार के विषय वस्तु नहीं आते बल्कि, आंतरिक बोध रूपी चित्त आता है| जिसका सीधा संबंध आत्मज्ञान से हैं| एक आत्मज्ञानी ही, सच्चे प्रेम को अर्थ दे सकता है| यहाँ आत्मज्ञानी का मतलब, किसी देवमानव से नहीं बल्कि, हर उस व्यक्ति से है जिसने, अपनी शारीरिक वृत्तियों को पूर्णता समझ लिया हो और प्रेम में डूब चुका हो|
जीवन में प्यार का महत्व क्या है?
![प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information): जीवन में प्यार का महत्व क्या है?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar2.jpg)
यहाँ यह कहना उचित होगा कि, प्रेम के बिना तो जीवन ही संभव नहीं| या यूँ कहें कि, हमारे जीवन का उद्देश्य ही प्रेम होना चाहिए| बिना प्रेम जीवन तो, बिना पानी सागर की तरह है| प्रेम ही व्यक्ति के जीवन में आनंद ला सकता है| प्रेम आंतरिक करुणा से उत्पन्न होता है इसलिए, प्रेम मनुष्य के अहंकार को नष्ट कर देता है और अहंकार ही, व्यक्ति का सबसे बड़ा दुख है अर्थात, मानव जीवन में दुखों को ख़त्म करने के लिए, प्रेम सबसे उपयोगी हथियार है|
प्यार कब करना चाहिए?
![प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information): प्यार कब करना चाहिए?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar3.jpg)
वैसे तो प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन, प्यार करना सीखना पड़ता है| जो बिना आध्यात्मिक ज्ञान के असंभव है| सामाजिक मान्यताओं के अनुसार किए गए प्यार की, तिनके मात्र भी उपयोगिता नहीं होती| जहाँ प्रेम आत्मा से नहीं परंपराओं से किया जाता हो, वहाँ भला प्रेम की सत्यता को, कैसे उजागर किया जा सकता है| प्रेम किसी तरह का बंधन नहीं बल्कि, बंधनों से मुक्ति है| प्रेम ही प्राप्ति है और प्रेम ही त्याग है इसलिए, प्रेम के पूर्ण रूप को देखने के लिए, सभी मान्यताओं से भी ऊपर उठना अनिवार्य है अन्यथा, भ्रमवश किसी ग़लत व्यक्ति का चुनाव, आपके जीवन को अंधकारमय कर देगा|
क्या किसी से प्यार करना गलत है?
![प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information): क्या किसी से प्यार करना गलत हैः Is it wrong to love someone?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar4.jpg)
यहाँ यदि आप किसी एक व्यक्ति या वस्तु से प्यार करने के बारे में सोच रहे हैं तो, आप भ्रमित हो सकते हैं क्योंकि, इस संसार में ऐसी कोई भी विषय वस्तु मौजूद ही नहीं जिससे, अटूट प्रेम किया जा सके इसलिए, सबसे पहले अपने आप से प्यार करना ज़रूरी है क्योंकि, जब आप प्रेम में होते हैं तभी, किसी और के लिए प्रेम बरसा सकते हैं| यहाँ स्वयं से प्यार करने का अर्थ, अपने शरीर से लगाव रखने से नहीं बल्कि, दुनियाँ के द्वारा की दी हुई पहचान को भूलकर, अपने आप तक पहुँचने से है|
सच्चा प्यार कैसे पता चलता है?
![प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information): सच्चा प्यार कैसे पता चलता हैः How to know true love?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar5.jpg)
प्यार सच्चा और झूठा नहीं होता क्योंकि, प्रेम एक सच्चे व्यक्ति के हृदय से ही उठ सकता है| आप यह नहीं कह सकते कि, वह व्यक्ति दुनिया के लिए बुरा है लेकिन, मुझसे प्रेम करता है| अगर ऐसा है तो, यह सिर्फ़ स्वयं को धोखा देने वाली बात है| इस दुनिया के किसी भी तत्व के ख़िलाफ़ नफ़रत, प्रेम का दमन करती है| साधारण अर्थों में कहें तो, जो व्यक्ति सभी के लिए अच्छा है, वही सच्चा प्यार कर सकता है|
प्यार में धोखा मिला तो क्या करे?
![प्यार की बातें (Love life facts in hindi with unique information): प्यार में धोखा मिला तो क्या करेः What to do if you get cheated in love?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar6.jpg)
धोखा देना तो कमज़ोर व्यक्तित्व की पहचान है| धोखा लालच से उत्पन्न होता है| यदि रिश्ते की शुरुआत, किसी चाहत की पूर्ति हेतु हुई है तो, निश्चय ही वह रिश्ता प्रेमविहीन होगा, परिणामस्वरूप रिश्ता केवल स्वार्थ का होगा जिसका, विघटन निकट है| अगर किसी से प्यार में धोखा मिलें तो, स्वयं की ओर जाने का प्रयास करना चाहिए ना कि, उसके बारे में सोचकर दुखी होने का| यहाँ यह कहना उचित है कि, जिस प्यार में धोखा मिला हो, वह प्यार नहीं बल्कि, माया जाल था जिसने, केवल शारीरिक तल पर आप को भ्रमित किया और आप प्यार समझ बैठे| प्यार एक सच्चे ह्रदय से ही जन्म लेता है और सच्चे हृदय का धनी व्यक्ति, सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रेम समर्पित संघर्षों के लिए ही जीता है और ऐसे व्यक्ति का धोखा भी, प्रेम को बढ़ाने वाला होगा न कि, दुखी देने वाला|
प्यार किससे करना चाहिए?
![प्यार की बातें (Love facts in hindi with unique information): प्यार किससे करना चाहिएः Whom should one love?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/04/Pyaar7.jpg)
प्यार का आधार पूर्वानुमान नही होना चाहिए अर्थात्, हम पहले से यह तय नहीं कर सकते कि, किस व्यक्ति के अंदर सच्चा प्रेम होगा| एक सही इंसान ढूँढना तो, रेत के ढेर में, सुई ढूंढने के जैसा है लेकिन, तुलनात्मक अध्ययन से यह पता लगाया जा सकता है कि, हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए, किस तरह का व्यक्ति उत्तम होगा|
मानव जन्म ही, दुखों की शुरुआत है और इसे कम करने का एक मात्र उपाय, आत्मज्ञान है और ऐसे आत्मज्ञानी व्यक्ति, जिन्होने संसार की वास्तविकता को पहचान लिया हो, जिनका एक सार्थक उद्देश्य हो, वही आपके लिए प्रेम करने योग्य हो सकते हैं लेकिन, एक आत्मज्ञानी को पहचानने के लिए, आत्मनेत्र की आवश्यकता होती है लेकिन, यदि सीधे तौर पर देखना हो तो, जिसने अपने स्वार्थों का दमन कर दिया हो और परमार्थ के लिए, बढ़ चुका हो, वही श्रेष्ठ प्रेमी सिद्ध होगा|