नौकरी या व्यवसाय (Job and business facts in hindi):
नौकरी या व्यवसाय, मनुष्य की सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है लेकिन, उसके हासिल होते ही, जीवन तरह तरह की परेशानियों से ग्रसित हो जाता है| प्रत्येक व्यक्ति काम के माध्यम से ही, ख़ुशियाँ प्राप्त करना चाहता है जहाँ, वह धन अर्जित करने के उद्देश्य से, कठिन परिश्रम करने से भी पीछे नहीं हटता लेकिन, उसे वर्तमान के दुख और भविष्य की चिंताओं के सिवा, कुछ हासिल नहीं होता| क्या कारण है कि, हम अपने नौकरी या व्यवसाय में आनंद महसूस नहीं कर पाते? इसे समझने के लिए कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|
1. नौकरी क्या है?
2. व्यापार किसे कहते हैं?
3. क्या करना सही है व्यापार या नौकरी?
4. व्यापार में सफलता कैसे मिलती है?
5. सबसे अच्छी नौकरी कौन सी है?
आपने महसूस किया होगा, जिस नौकरी का कभी आपने सपना देखा था आज वही, आपके लिए केवल एक मजबूरी बन गई है| मुख्य प्रश्न यह है कि, क्या कोई ऐसा रास्ता भी है, जिसके माध्यम से, जीवन की असली खुशियाँ प्राप्त की जा सकें या अपनी लाचारी मानकर, उसी जीवन को ढोते रहना ही अंतिम विकल्प है? निम्नलिखित बिंदुओं की सहायता से, इसे जानने का प्रयत्न करते हैं|
नौकरी क्या है?
स्वार्थ भाव से, किसी अन्य व्यक्ति के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, अपना जीवन समर्पित करना ही नौकरी कहलाता है| नौकरी का एकमात्र उद्देश्य, धन अर्जित करना ही नहीं होता बल्कि, कुछ लोगों के लिए, यह कर्तव्य भी कहलाता है लेकिन, ऐसे व्यक्तियों की संख्या बहुत कम है जो, श्रद्धा भाव से नौकरी करना पसंद करते हैं|
अधिकतर लोगों का मानना है कि, वह अपनी लाचारी के कारण नौकरी कर रहे हैं| यदि उनके पास पुश्तैनी संपदा होती तो, वह अपने बिस्तर पर लेटे हुए, सुखी जीवन जीते लेकिन, यह तो केवल तभी तक कहा जा सकता है जब तक, आप स्वयं ऐसे व्यक्ति से न मिले हों क्योंकि, उसकी विचारधारा आपकी सोच से परे होगी जहाँ, आप धन को सुख का सूचक समझ रहे हैं वह व्यक्ति, धन की व्यर्थता या अनंतता का वियोग करता प्रतीत होगा| अर्थात या तो, वह और अधिक धन के पीछे भाग रहा होगा या अपने घर में सारी सुख सुविधाओं के बीच, किसी विषय वस्तु की तलाश में होगा ताकि, वह अपने दुख कम कर सके|
व्यापार किसे कहते हैं?
धन अर्जित करने के उद्देश्य से, सांसारिक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करना ही, व्यापार कहलाता है| कुछ लोग स्वार्थ भावना से ग्रसित होकर, मानवीय हितों की उपेक्षा करके, अपने अतीत की जानकारियों के आधार पर, व्यवसाय का चुनाव करते हैं जहाँ, वह न्यूनतम सफलता के साथ, अपने जीवन में उलझकर रह जाते हैं लेकिन, कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं जिन्होंने, अपने जीवन में धन संपत्ति के साथ, जीवन का आनंदित अनुभव भी महसूस किया होगा| किसी भी तरह का व्यापार या रोज़गार मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ही किया जाता है| आपकी मनोकामनाएँ जिस तल से प्रकट हो रही हैं, उसी तल का परिणाम प्राप्त होगा अर्थात, यदि कोई व्यक्ति धन अर्जित करने के लिए, व्यवसाय करता है तो, उसके लिए आर्थिक हानि सबसे बड़ा दुख होगा|
क्या करना सही है व्यापार या नौकरी?
ये सारा संसार माया है यहाँ, कुछ भी स्थायी नहीं| नौकरी हो या व्यवसाय, जब तक आप उससे प्रेम न करें तब तक, वह बोझ से अधिक कुछ नहीं होगा| हाँ, धन अर्जित अवश्य किया जा सकेगा लेकिन, जिस उद्देश्य से धन कमाया गया है, वह कभी पूरा नहीं होगा| न ही मन को शांति मिलेगी और ना भागदौड़ भरे जीवन से मुक्ति| यहाँ सबसे पहले आपको अपना उद्देश्य जानना होगा| इस पृथ्वी पर असंख्य जीव जन्तु हैं जिनमें से, एक प्रजाति मनुष्य की भी है लेकिन, यदि वह भी पशु पक्षियों की तरह, केवल अपनी शारीरिक ज़रूरतों के लिए, नौकरी या व्यवसाय करेगा तो, उसे दुख अवश्य प्राप्त होंगे| मनुष्य को चाहिए कि, वह अपने जीवन को सार्थक करने के उद्देश्य से ही, नौकरी या व्यवसाय का चुनाव करें|
व्यापार में सफलता कैसे मिलती है?
दुनिया में एक से एक व्यापारी है जिन्होंने, अपने जीवन में अपार सफलताएँ प्राप्त की हैं लेकिन, सफलता के मायने सभी के लिए अलग अलग होते हैं| मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो, कल्पनाओं में जीवन जीता है अर्थात, पहले हम किसी व्यापार के बारे में विचार करके, उसे प्रारंभ करते हैं और बाद में, वही व्यापार हमारे लिए सरदर्द बन जाता है जो, व्यापार पहले कल्पनाओं में मनभावन लग रहा था आज वही, वेदना बन चुका है| इसके पीछे एक बहुत बड़ा रहस्य छुपा हुआ है जिसे, आध्यात्मिक भाषा में आत्मज्ञान के नाम से जाना जाता है| सरल शब्दों में कहें तो, बाहरी वातावरण से प्रभावित हुए बिना, मानव विकास के लिए, सकारात्मक सोच रखकर, चुना हुआ व्यापार, अत्यधिक आनंदित होगा| दरअसल, प्रत्येक मनुष्य की खोज अनंतता है लेकिन, वह एक सीमित दायरे में उसे प्राप्त करना चाहता है जो, असंभव है अर्थात किसी भी भौतिक विषयवस्तु को, अपना व्यावसायिक लक्ष्य बनाना, दुख की ओर बढ़ाया हुआ पहला चरण है इसलिए, एक श्रेष्ठ विचारधारा के साथ, व्यवसाय का चयन किया जाना चाहिए| जिस पर चलकर, मानव जीवन के साथ साथ प्रकृति का संरक्षण भी किया जा सके और ऐसे व्यवसाय, मान सम्मान के साथ, अमरता भी प्रदान करते हैं क्योंकि, स्वार्थ की कोई आयु नहीं होती और परमार्थ की, कभी मृत्यु नहीं होती| अब आपका चुनाव आपको किसी भी दिशा में ले जा सकता है|
सबसे अच्छी नौकरी कौन सी है?
यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर, समय के साथ परिवर्तित होता रहता है अर्थात बचपन में हम, जिस तरह की नौकरी का सपना देखते हैं, बड़े होते होते ही, हमारी दिशा बदल जाती है तो, क्या बचपन में चुनी गई नौकरी करना ही सही होगा? जी नहीं, सर्वप्रथम एक अच्छी शिक्षा लेना अनिवार्य है तभी, आपकी निर्णयन क्षमता का विकास होगा और आप एक आनंदित जीवन का चुनाव कर सकेंगे| किसी भी नौकरी को, आप यदि धन केंद्रित बनाकर चुनेंगे तो, निश्चित ही वह दुखदायी होगी| एक अच्छी नौकरी का चुनाव, कार्य की प्रकृति पर निर्भर करता है अर्थात, जो नौकरी आपको स्वयं के निकट लाने में सहायता प्रदान करें, वही आपके लिए उचित कहलाएगी| इसके विपरीत जिस नौकरी में आप, स्वयं से दूर हो जाएं, वह शीघ्रातिशीघ्र कष्ट देने वाली ही प्रतीत होगी| यहाँ स्वयं का अर्थ, वह व्यक्ति नहीं जो, सामाजिक पहचान के सहारे खड़ा है बल्कि, उस चेतना से है जो, आपके मनोवैज्ञानिक अवस्था को प्रभावित करती है जिसे, दुख महसूस होता है, वही स्वयं है|
मनुष्य का जन्म अपूर्णता के भाव से हुआ है जहाँ, वह बाल्यावस्था में ही कुछ प्राप्त करने की अभिलाषा से, सांसारिक विषय वस्तुओं में खो जाता है लेकिन, जब वह ख़ुशी अधूरी लगने लगती है तो, व्यवसाय नौकरी या विवाह ही, अंतिम विकल्प बचता है जिसे, हम अपनी ख़ुशी का माध्यम समझ रहे होते हैं| यही अज्ञान ही हमारा सबसे बड़ा दुख है| आपको यह समझना होगा कि, नौकरी या व्यवसाय केवल जीवन का गुज़ारा करने के लिए नहीं किए जाते बल्कि, यह तो जीवन जीने के माध्यम हैं जिनमें डूबकर ही, आप इस माया के संसार से, पार पा सकते हैं लेकिन, यदि आप उसमें स्थायित्व खोजने का प्रयत्न करेंगे तो, निराशा ही हाथ लगेगी| अतः एक श्रेष्ठ कर्म चयन ही जीवन में सुख की मिठास घोल सकता है|