ध्यान (मेडिटेशन क्या होता है)- meditation facts in hindi

Rate this post

ध्यान- (मेडिटेशन क्या होता है) meditation facts in hindi:

दोस्तों ज़मीन पर घास पैदा करने के लिए, प्रयास नहीं करना पड़ता लेकिन, अनाज उगाने के लिए पूरे फ़ोकस की आवश्यकता होती है| उसी प्रकार, हमारे शरीर से सार्थक कृत्य उत्पन्न करने के लिए, ध्यान अति आवश्यक है| दरअसल ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया जो, आपको स्वयं से जोड़ती है| ध्यान के विषय में आज तक बहुत सी धारणाएँ फैलायी गई है जबकि, ध्यान एक साधारण स्थिति है जहाँ, हमारा मन विचारों की उथल पुथल से दूर हो जाता है जिससे, हमें अपने आपको देखने का वक़्त मिलता है और हम अपने जीवन के श्रेष्ठ उत्पादन के लिए, केंद्रित हो जाते हैं| यदि सीधे तौर पर कहा जाए तो, ध्यान माया से अलग करने की एक प्रक्रिया मात्र है| माया जिसे, जगत के रूप में जाना जाता है जहाँ, हर विषय वस्तु भौतिकवाद से जुड़ी हुई है जिसे, एक ना एक दिन नष्ट होना है तो भी, हम जीवन के मायाजाल में उलझे रहते हैं और एक दिन बिना मुक्ति के ही, शरीर त्याग देते हैं| दोस्तों, मुक्ति परमानंद की स्थिति है| जिसके प्राप्त होते ही, मनुष्य के जीवन से अंधकार मिट जाता है लेकिन, बिना ध्यान के यहाँ तक पहुँच पाना संभव नहीं है| ध्यान की बारीकियों को समझने के लिए, हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा जिनके, माध्यम से हम यह समझ सकेंगे कि, क्या ध्यान हमारे लिए उपयोगी है या ध्यान के नाम पर, एक अन्धविश्वास फैलाया गया है?

1. ध्यान क्या है?
2. ध्यान की शुरुआत कब हुई?
3. ध्यान की अवधारणा क्या है?
4. आधुनिक जीवन में ध्यान का महत्व क्या है?
5. धयान कैसे करे?
6. ध्यान करने के क्या लाभ है?
7. ध्यान का चमत्कार क्या है?

Meditation facts in hindi blog
Image by irongroup from Pixabay

ध्यान की शक्तियों से, शायद आप वाक़िफ़ न हो लेकिन, आपको यह समझना होगा कि, ध्यान ही आपको दुखों से मुक्त कर सकता है लेकिन, यह सिर्फ़ प्रारंभिक चरण है या यूँ कहें कि, ध्यान पहली कक्षा है| आइए इस तथ्य के स्पष्टीकरण के लिए, एक एक करके सभी प्रश्नों के उत्तरों को समझने का प्रयास करते हैं|

ध्यान क्या है?

ध्यान क्या है? what is meditation?
Image by Square Frog from Pixabay

ध्यान मनुष्य की श्रेष्टता की तरफ़ उठाया पहला क़दम है| जानवरों के अंदर भटकाव की संभावना नहीं होती और न ही उन्हें ध्यान की आवश्यकता है क्योंकि, प्रकृति ने, जानवरों को ऐसा बनाया है कि, वह शारीरिक कार्यों पर, स्वयं ही केंद्रित रहते हैं लेकिन, मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जिसे, प्रकृति से तालमेल बनाकर रहना सिखाया जाता है अन्यथा, वह अपने खाने तक के बारे में नहीं समझ सकेगा| ध्यान का अर्थ वह नहीं, जिसे सामान्य मनुष्यों में, कुंडली जगाने के नाम पर प्रचलित किया गया है बल्कि, ध्यान किसी विषय वस्तु में निरंतर केंद्रित रहने की एक स्थिति मात्र है जिसे, करने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि, वह स्वयं घटित होता है| आगे आने वाले बिंदुओं से यह बात पूर्णता स्पष्ट होगी|

ध्यान की शुरुआत कब हुई?

ध्यान की शुरुआत कब हुई? when mediation started?
Image by yoga.ayush.gov.in

ध्यान हज़ारों वर्ष पूर्व ऋषि मुनियों द्वारा खोजा गया एक मार्ग है| जिस पर चलते हुए, साधारण मनुष्यों ने अवतारों तक का सफ़र तय किया| कई शास्त्रों में भी इसका उल्लेख है लेकिन, आमजन के बीच ध्यान का प्रचलन, कुछ ही वर्षों पूर्व डिजिटल क्रांति के माध्यम से हुआ| लेकिन आज हम, जिस ध्यान की कल्पना करते हैं, वह इस सिर्फ़ आसान मात्र है अर्थात वह स्थिति, जिस पर बैठकर, आप कुछ सोचने समझने लायक हो सकें अन्यथा, नींद खुलते ही आपका जीवन, अतीत के विचारों में उलझ जाता है और जब तक आपकी आंखें दोबारा बंद न हो, तब तक वह विचार चलते रहते हैं जो, आपको स्वयं से अलग कर देते हैं|

ध्यान की अवधारणा क्या है?

ध्यान की अवधारणा क्या है? What is the concept of meditation?
Image by Flickr

ध्यान के पीछे यह तर्क दिया जाता है कि, जिस किसी व्यक्ति का अपने कार्यों में मन नहीं लगता, उसे ध्यान करना चाहिए और कुछ लोग तो, यहाँ तक दावा करते हैं कि, ध्यान से उन्हें चमत्कारी अनुभव हुए हैं जबकि, यह पूर्णतः असत्य हैं या यूँ कहें कि, इस अवधारणा में सिर्फ़ अंश मात्र सत्यता है| ध्यान किसी भी व्यर्थ, विषय वस्तु में फ़ोकस करने का मार्ग नहीं और न ही ध्यान के माध्यम से, किसी भी प्रकार की चमत्कारी शक्तियां प्राप्त की जा सकती हैं|

आधुनिक जीवन में ध्यान का महत्व क्या है?

आधुनिक जीवन में ध्यान का महत्व क्या है? What is the importance of meditation in modern life
Image by MissKarin from Pixabay

जीवन किसी भी काल का हो लेकिन, मनुष्य के लिए ध्यान अत्यंत आवश्यक है लेकिन, पिंजरे में बैठकर ध्यान नहीं किया जाता अर्थात यदि आप सोच रहे हैं, जिन कार्यों में आप उलझे हुए हैं, उन्हें शांति से करने के लिए, ध्यान चाहिए तो, आप ग़लत दरवाज़ा खटखटा रहे हैं| दोस्तों ध्यान केवल उसी व्यक्ति के लिए है जिसने, मानसिक ग़ुलामी का त्याग कर दिया हो और एक सार्थक उद्देश्य हेतु अपना जीवन समर्पित करना चाहता है| संसार की विषय वस्तुओं में, स्वार्थवश उलझे रहने वाला व्यक्ति, ध्यान के महत्व को नहीं समझ सकता| हाँ, लेकिन वह अंधविश्वास भरी विधियों की ओर आकर्षित होकर, अपना समय और पैसा ज़रूर बर्बाद करेगा|

ध्यान कैसे करे?

ध्यान कैसे करेः how to meditate?
Image by Chris0223 from Pixabay

वैसे तो ध्यान की कई विधियाँ बतायी गई है जिनमें, कई तरह के आसनों का समायोजन है लेकिन, मनुष्य के लिए वही विधि कारगर सिद्ध हो सकती है जिसके माध्यम से, वह हर समय ध्यान में रह सकें| अब यहाँ आपको लग रहा होगा कि, पूरे समय एक ही मुद्रा में बैठे रहना ही ध्यान कहलाता है| दोस्तों, ध्यान का सीधा संबंध है, आपके चित्त की शान्ति से हैं और चित्त की शान्ति, तब तक संभव नहीं है जब तक, आप अपने कामों की व्यर्थता न समझ लें|

ध्यान करने के क्या लाभ है?

ध्यान करने के क्या लाभ है? What are the benefits of meditation?
Image by Nicky ❤️🌿🐞🌿❤️ from Pixabay

ध्यान के लाभ जानने से पहले, आपको ध्यान करने का नुक़सान समझना होगा| यदि आप बिना सोचे समझे, केवल भौतिक वस्तुओं को आधार बनाकर, किसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु, ध्यान प्रक्रिया का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो, आपको इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है| उदाहरण से समझें तो, यदि आप बाहरी दबाव से प्रभावित हैं तो, पहले उसे हटाना होगा| जैसे कोई व्यक्ति, अपने काम की उथल पुथल को शांत करने के लिए, यदि ध्यान का इस्तेमाल करना चाहता है तो, वह उसके लिए व्यर्थ होगा| कुछ समय तक तो, वह इसका लाभ महसूस कर सकेगा अंततः वह फिर से, उसी स्थिति में वापस लौट जाएगा और ये चक्र उसकी मृत्यु तक चलता ही रहेगा|

ध्यान का चमत्कार क्या है?

ध्यान का चमत्कार क्या है? What is the miracle of meditation?
Image by Manfred Loell from Pixabay

जैसे कि, उपरोक्त बिंदुओं से स्पष्ट हो रहा होगा कि, ध्यान साधारण से असाधारण बनने तक का सफ़र है लेकिन, इसके मायने आपकी सोच से बिलकुल अलग हैं| सामाजिक जगत में, यह बात ज़हर की तरह फैलायी गई है कि, ध्यान करने से कुण्डलियाँ जाग जाती हैं और कई तरह की विशेष, शक्तियां प्राप्त होती है जो, बिलकुल निराधार है| इस भौतिकवाद दुनिया में, ऐसी कोई चमत्कारी शक्ति नहीं है, जिसका पता विज्ञान से न लगाया जा सके| तो क्या, यह दावा करना कि, ध्यान का उपयोग करके, किसी प्रकार की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है, वह झूठ है?

जी हाँ दोस्तों, भले ही आपका मन, यह बात मानने को तैयार न हों लेकिन, वेद स्वाध्याय से आप इस सत्य तक ज़रूर पहुँच सकेंगे| इस लेख का उद्देश्य, किसी विधि को नीचा दिखाना नहीं बल्कि, इसके महत्व को समझाना है| ध्यान एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो, एक बार प्रारंभ हो गई तो, उसे रोकना असंभव है| अर्थात, किसी ऐसे विशिष्ट कार्य में आपकी केंद्रित संलग्नता, जिसका लाभ आपको न होकर, संसार को होने लगे तो, समझिए आप ध्यान में हैं| इसके अतिरिक्त, आप किसी भी तरह के प्रयास से ध्यान का दिखावा तो कर सकते हैं लेकिन, वह वास्तविक ध्यान नहीं होगा और आपके जीवन का उद्देश्य, अपूर्ण रह जाएगा| विद्यार्थियों के लिए, उनकी शिक्षा ही उनका ध्यान हो सकती है लेकिन, जब वह ज्ञानार्जन के उद्देश्य से की जा रही हो| उसी प्रकार एक किसान के लिए, पूरे आनंद से खेती करना ही, उसका ध्यान हो सकता है लेकिन, यदि खेती मनोकामना पूर्ति के लिए की गई है तो, वह ध्यान से विस्मित कर सकती है| दोस्त मुझे पूरी आशा है कि, आप ध्यान की प्रकृति को समझने का पूरा प्रयास करेंगे| हम निरंतर ऐसे विषयों पर लेख लिखते रहेंगे|

Visit for भगवान- (आस्था या अंध विश्वास) is god real facts

Visit for भूत प्रेत और उनकी सच्चाई (Ghost facts in hindi)
Visit for मोटिवेशनल गुरु (Motivational Guru)- शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक कहानी

Leave a Comment