गरीब और गरीबी (Garib ki garibi)

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गरीब और गरीबी (Garib ki garibi facts in hindi):

जीवन में ग़रीबी होना, किसी अभिशाप से कम नहीं| दुनिया के किसी भी कोने में, ऐसे लाखों व्यक्ति मिल जाएंगे जो, स्वयं को ग़रीब कहते हैं| यहाँ सबसे बड़ा सवाल है कि, क्या हम वास्तव में ग़रीब का अर्थ समझते हैं या इसे सिर्फ़ निर्धनता से जोड़कर, मानव जन्म की विशेषताओं से वंचित रह जाते हैं| क्या ग़रीब होना बुरी बात है या इससे हटकर हमें, अपनी सोच का परीक्षण करने की आवश्यकता है| ग़रीबी के मूल कारणों को समझने के लिए हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|

1. गरीबी क्या है?
2. गरीब कौन है?
3. गरीबी और निर्धनता में क्या अंतर है?
4. गरीबी का कारण क्या है?
5. गरीबी कैसे दूर करें?

(गरीब और गरीबी) what is poor and poverty?
Image by Kasun Chamara from Pixabay

गरीब होना बुरी बात नहीं बल्कि, अपने आपको ग़रीब समझना दुखद है| आज से कुछ वर्षों पहले, एक साधारण सी साइकल होना ही गौरवपूर्ण होता था लेकिन, आज साइकल को ग़रीबी से जोड़कर देखा जाता है| कहने का आशय यह है कि, बदलते वक़्त के साथ विषय वस्तुओं का महत्व भी बदलता रहता है लेकिन, हमारी धारणा जिसके पीछे, एक अधूरापन छुपा हुआ है, वह कभी नहीं बदलती| जिसे हम मानववृत्ति कहते हैं| जानवरों में अपूर्णता का भाव नहीं पाया जाता इसलिए, उन्हें ग़रीबी जैसा कोई एहसास नहीं होता| वह हर अवस्था में रोमांचित रहते हैं लेकिन, मनुष्य जन्म से ही स्वयं को अधूरा समझता है| यही ग़रीबी की मुख्य वजह है| आइए कुछ बिंदुओं के माध्यम से ग़रीबी पर प्रकाश डालने का प्रयास करते हैं|

गरीबी क्या है?

गरीबी क्या हैः what is poverty?
Image by Leroy Skalstad from Pixabay

ग़रीबी एक मानसिक स्थिति है जो, मनुष्य को अपूर्णता का भाव देती है| दूसरे शब्दों में अज्ञानता को ही ग़रीबी का रुप कहा जाता है| अर्थात जो मनुष्य अपनी विशेषताओं को नज़रअंदाज़ करके, बाहरी विषयों में ख़ुशी ढूँढता है, वह ग़रीब कहलाता है| यहाँ ग़रीबी को ज्ञान के अभाव से जोड़ा गया है न कि, निर्धनता से| दरअसल, मनुष्य का दिमाग़ इतना शक्तिशाली है जो, ब्रह्मांड की सारी दौलत इकट्ठी कर सकता है लेकिन, बिना भौतिक ज्ञान के यह कर पाना संभव नहीं

आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा, पढ़ने से क्या होता है मैं तो, बिना पढ़े ही अच्छा कमाता हूँ लेकिन, यदि वह व्यक्ति अपने उसी काम को, विज्ञान के सहयोग से करें तो, निश्चित ही अच्छे परिणाम मिलेंगे|

गरीब कौन है?

गरीब कौन हैः who is poor?
Image by Mohamed Hassan from Pixabay

किसी भी तरह की पहचान से जुड़ा व्यक्ति गरीब कहलाता है| जैसे कोई अपने आप को लखपति कहता है तो, वह करोड़पति से ग़रीब है| यहाँ लखपति की पहचान धारण करना ही, उसे करोड़पति के सामने ग़रीब का एहसास करवा रहा है| गरीब वह व्यक्ति है जिसने, कुछ अर्जित कर लिया है और उसे खोने का डर है या जिसने अभी अर्जित नहीं किया, उसे पाने की लालसा है| इन दोनों श्रेणियों को हम ग़रीब की नज़र से ही देखेंगे|

गरीबी और निर्धनता में क्या अंतर है?

गरीबी और निर्धनता में क्या अंतर हैः What is the difference between poverty and destitution?
Image by Gerd Altmann from Pixabay

ग़रीबी हमारा मानसिक दृष्टिकोण है और निर्धनता हमारी लालच अर्थात ग़रीबी केवल एक परिस्थिति है जिसे, मनुष्य तुलनात्मक अध्ययन से, स्वयं ही धारण करता है| इसका सीधा संबंध आपकी अज्ञानता से जोड़कर देखा जाता है| मनुष्य एक श्रेष्ठ जीव तभी कहला सकता है जब, वह अपने बंधनों से बाहर निकलकर, अपने यथार्थ को पहचानने का प्रयास करें|

इस संसार में ऐसा कोई तत्व मौजूद नहीं है जो, मनुष्य की श्रेष्टता से ऊपर हो सके लेकिन, यह बात जितनी सरलता से कही जा रही है, इसे समझना उतना ही कठिन है| बिना आत्मज्ञान के यह कर पाना असंभव है|

गरीबी का कारण क्या है?

गरीबी का कारण क्या हैः What is the cause of poverty?
Image by Dee from Pixabay

उपरोक्त बिंदुओं के अनुसार, ग़रीबी का मुख्य कारण अज्ञान को ही बताया गया है जिसे, उदाहरण से समझे तो, यदि कोई व्यक्ति पैसों की कमी को ग़रीबी से जोड़कर देखता है तो, उसे ऐसे व्यवसायों की तरफ़ जाना होगा जहाँ, वह अपने अनुकूल धन अर्जित कर सके लेकिन, क्या वह आज जितने धन की कामना कर रहा है, आने वाले समय में, वह धन उसे संतुष्ट कर सकेगा या उससे अधिक की लालसा, उसे फिर से ग़रीबी के चक्रव्यूह में फँसा देगी| आप 10 वर्ष पहले, जितने धन को महत्वपूर्ण समझते थे क्या, आज भी उतने ही धन से आप संतुष्ट हो सकते हैं? शायद आपको आपका जवाब मिल गया होगा इसलिए, बिना मन की परिस्थिति को जानें किसी तरह की कामना, बाहरी वेग से उत्पन्न होती है न कि, आंतरिक ज्ञान से|

गरीबी कैसे दूर करें?

गरीबी कैसे दूर करेंः How to eliminate poverty?
Image by Mohamed Hassan from Pixabay

मनुष्य को अपनी ग़रीबी दूर करने के लिए, अपनी साधारण पहचान को त्यागना होगा और पूरे विश्व को सामान्य नज़र से देखकर, योग्य अवसर स्वयं ही उत्पन्न करने होंगे तभी, वह अपनी ग़रीबी से बाहर आ सकता है| उदाहरण से समझें तो, यदि कोई व्यक्ति अपने आप को पिछड़ा हुआ महसूस करता है तो, वह अपने परिवार या देश की सरकार के अनुदान की आशा में बैठा रहेगा और अपने महत्वपूर्ण जीवन को, धन के अभाव से संक्रमित करेगा और भविष्य में प्राप्त होने वाले आनंद से वंचित रह जाएगा|

मनुष्य को किसी भी तरह की भौतिक पहचान धारण नहीं करना चाहिए| न ही आप गरीब हो और न ही अमीर क्योंकि, जितने भी धन को आप अपनी अमीरी का प्रतीक समझ रहे हैं उससे, अधिक धन वाला व्यक्ति सामने आते ही, आप ग़रीब बन जाएंगे लेकिन, यदि धन को जीवन में संकुचित महत्व दिया जाए तो, आत्मसाक्षात्कार की सहायता से, आप अपना बुरे से बुरा वक़्त भी बदल सकेंगे| यहाँ आत्मसाक्षात्कार का अर्थ स्वयं को जानना है|

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