नेता और नेतागिरी (Leader and leadership facts in hindi):
मानवीय समाज में, नेतृत्व की आवश्यकता सदैव बनी रहती है| यहाँ सभी व्यक्तियों के, अपने अपने स्वार्थ है लेकिन, संसाधन उतने ही कम और यही वजह है कि, आज भी अधिकतर आबादी शोषित और प्रताड़ित हो रही है जिन्हें, उचित न्याय दिलाने के लिए, एक श्रेष्ठ नेतृत्व की आवश्यकता होती है जिससे, मानव समाज को एक नई दिशा दी जा सके और सभी का स्तर, आदर्श जीवन के अनुकूल किया जा सके| एक अच्छा नेता, अपने जीवन का समर्पण, मनुष्य के दुखों को दूर करने के लिए करता है लेकिन, जब नेता ही स्वार्थ भाव से ग्रसित हो जाए तो, वह अज्ञानतावश, अपने जीवन के महत्व को भूलकर, संपत्तियों के संचय में लग जाता है परिणामस्वरूप, जनता अपने अधिकारों से वंचित रह जाती है| जनता किस पर विश्वास करें, किस पर नहीं, यह एक पहेली बन जाता है| नेतागिरी की समझ बढ़ाने के लिए, हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|
1. नेता क्या है?
2. नेता का कर्तव्य क्या है?
3. नेतागिरी का लोभ क्यों होता है?
4. नेता कैसे बने?
5. एक अच्छे नेता के गुण क्या है?
आज हर युवा राजनीति के प्रति आकर्षित होता दिखाई दे रहा है| ज़्यादातर युवाओं का मानना है कि, नेता बनते ही उनकी ज़िंदगी की, सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी जबकि, वह भूल जाते हैं कि, एक महान नेता तभी जन्म लेता है जब, अधिकतर लोगों की उम्मीद दम तोड़ चुकी होती है| आपने देखा होगा, जितनी समस्याएं एक साधारण व्यक्ति के जीवन में नहीं होती, उससे कहीं अधिक समस्याओं से, नेता घिरा होता है लेकिन, फिर भी वह हिम्मत नहीं हारता| आइए, विगतवार इसे समझने का प्रयत्न करते हैं|
नेता क्या है?
विभिन्न देशों में संविधान के अनुसार, नेताओं की कई परिभाषाएँ हो सकती है लेकिन, सभी के मूल में एक ही बात होती है कि, नेता वह व्यक्ति है जो, दूसरों की समस्याओं का समाधान करने के लिए, उनका नेतृत्व करता है और उसी में, आनंद महसूस करता है| अतः स्पष्ट है कि, एक स्वार्थी व्यक्ति नेता नहीं हो सकता| भले ही वह, दुनिया की नज़रों में नेता का चोला ओढ़कर घूम रहा हो| नेता त्याग का प्रतीक है जो, अपने अनुयाइयों में सकारात्मक दृष्टिकोण उत्पन्न करता है ताकि, हीन भावना से घिरे व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाया जा सके|
नेता का कर्तव्य क्या है?
एक नेता का सबसे प्रमुख कर्तव्य, समूह को सही राह दिखाना होता है| अब यहाँ बातों में मतभेद हो सकते हैं क्योंकि, हर व्यक्ति की अपनी एक अलग विचारधारा होती है जिसे, वह सत्य मानकर जीता है जहाँ, उसकी सोच का आधार अतीत हो सकता है इसलिए, कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ के अनुसार, सही और ग़लत का चुनाव करता है तो, वह श्रेष्ठ निर्णय नहीं ले सकता| नेता को अपने अहंकार को बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि, सार्वजनिक हितों के लिए, राजनीति में आना चाहिए तभी, वह अपने जीवन को सही दिशा दे सकेगा|
नेतागिरी का लोभ क्यों होता है?
दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति, लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता है ताकि, वह अपने अहंकार को जीवित रख सके और उसी के लिए, वह बड़ा घर, बड़ी गाड़ी, अच्छे कपड़े या अच्छी ज़िंदगी की ओर आकर्षित होता है लेकिन, जैसे ही वह नेताओं के पीछे, जनता को भागते हुए देखता है तो, उसे अपने कार्य पर संदेह होने लगता है| उसे लगता है कि, शायद नेता गिरी ही, एक ऐसा रास्ता है जो, सबसे अधिक सम्मान दिला सकता है और यही लालच, उसे अपने लक्ष्य से विलग कर देती है परिणामस्वरूप, उसे अपनी ज़िंदगी से हताशा होने लगती है| नेतागिरी अपने अभिमान के लिए नहीं बल्कि, दूसरों के सम्मान के लिए की जाती है|
नेता कैसे बने?
नेता बनने के लिए, सबसे पहले स्वयं को जानना होगा अन्यथा, आप अपनी पुरानी विचारधारा से प्रभावित रहेंगे और आगे चलकर आपके निर्णय में, आपका स्वार्थ झलकने लगेगा फलस्वरूप, आपकी राजनीति का पतन शुरू हो जाएगा| नेता कोई व्यक्ति नहीं होता बल्कि, एक विचारधारा होती है| जिसका उद्देश्य मानव जीवन में मिठास घोलना है लेकिन, आज राजनीति स्वार्थ की भेंट चढ़ चुकी है जहाँ, लोग बड़े बड़े दल बनाकर, अपने अहंकार को बढ़ाने में लगे हुए हैं| एक सच्चे नेता को परमार्थी होना चाहिए अर्थात् दूसरों के अर्थ के लिए, जीने वाला व्यक्ति| एक नेता श्रेष्ठ तभी हो सकता है जब वह, मानवीय करूणा भाव से, समस्याओं को देखने का प्रयास करें और उसी दिशा में, अपना जीवन समर्पित कर दे|
एक अच्छे नेता के गुण क्या है?
इस संसार में कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं होता और यही बात समझ लेना ही, अच्छे नेता का गुण है जिसके अंदर, सद्भाव की भावना है जो, चुनौतियों के सामने घुटने नहीं टेकता जो, अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठ चुका है और जिसके दिल में, मनुष्य के साथ साथ प्रकृति में मौजूद जीव जन्तुओं के प्रति भी, करुणा भाव है| यही एक श्रेष्ठ नेता के गुण हैं| एक अच्छा नेता, अपने छोटे से फ़ायदे के लिए, किसी का बड़ा नुक़सान नहीं कर सकता और यदि वह ऐसा करता है तो, वह नेता कहलाने योग्य नहीं है|
वैसे तो, नेता किसी भी क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा सकता है लेकिन, राजनीतिक क्षेत्र पूर्ण स्वतंत्रता देता है जहाँ, एक नेता को बड़ी जनसंख्या का नेतृत्व करने का अवसर मिलता है इसलिए, उसे साधारण व्यक्तियों की तरह, अपने जीवन की चिंता नहीं करना चाहिए बल्कि, जनता के हितों के लिए, अपने जीवन को संघर्ष में झोंक देना चाहिए| अब आप सोच रहे होंगे कि, क्या एक नेता की निजी ज़िंदगी नहीं होती? बिलकुल हो सकती है, मानव शरीर के संचालन के लिए, परिवार की भूमिका अहम होती है लेकिन, नेता के लिए अपने परिवार से अधिक लगाव, बेड़ियों से ज़्यादा कुछ नहीं है|
इस संसार में मौजूद, हर विषय वस्तु मिट जाती है लेकिन, विचारधारा कभी नहीं मिटती है इसलिए, नेताओं को सार्वजनिक हित के लिए, एक श्रेष्ठ विचारधारा का अनुसरण करना चाहिए जिससे, आदर्श जीवन की स्थापना हो सके और नेता मृत्यु के बाद भी, नेता के काम अमर हो सके|