भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi):
मनुष्य का मन तुलनात्मक होता है जो, विषय वस्तुओं को भेद करके ही जान पाता है| यहाँ वह अपने अहंकार के संरक्षण के लिए, स्वयं को श्रेष्ठ बनाने में लगा रहता है जिससे, घृणा भाव की उत्पत्ति होती है जो, आगे चलकर विरोधाभासी स्थितियां उत्पन्न करती है जिससे, सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ जाता है|
आख़िर क्यों हम एक दूसरे से भेदभाव रखते हैं? क्या यह आवश्यक है या हमारी एक साज़िश है, बिना कुछ किए स्वयं को ऊपर रखने की? मानव समाज ने भेदभाव करने के कई पैमाने बनाएँ है जिसे, समझने के लिए हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|
1. भेदभाव क्या होता है?
2. जातिगत भेदभाव क्या है?
3. सामाजिक भेदभाव क्या है?
4. सुरक्षात्मक भेदभाव क्या है?
5. आर्थिक भेदभाव क्या है?
6. लैंगिक भेदभाव क्या हैं?
7. भेदभाव का महत्व क्या है?
8. क्या भेदभाव करना चाहिए?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): (Discrimination facts in hindi):](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts1.jpg)
हालाँकि, भेदभाव करना हर बार ग़लत नहीं होता क्योंकि, जिस तरह सभी जानवर अलग अलग होते हैं उसी तरह, मनुष्य की प्रकृति भी क्षेत्रीयता के आधार पर बदलती है लेकिन, यहाँ भेदभाव करना सकारात्मक होना चाहिए न कि, घृणात्मक| ऐसा कर पाना आम व्यक्तियों के लिए, दुविधापूर्ण होता है| ज़्यादातर मनुष्य, अपने अतीत की धारणाओं के आधार पर, लोगों से भेदभाव का नज़रिया रखते हैं हालाँकि, भेदभाव करने की प्रमुख वजह, मनुष्य की अज्ञानता ही है जहाँ, हम सृष्टि के पारिस्थितिकी तंत्र को समझ नहीं पाते हैं और ग़लत कारणों से भेदभाव करते हैं| जिसके परिणाम भयावह होते हैं और हमारा पूरा जीवन प्रेमविहीन हो जाता है| चलिए भेदभाव के नर्क से बाहर निकलते हैं|
भेदभाव क्या होता है?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): भेदभाव क्या होता हैः What is discrimination?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts2.jpg)
दो या दो से अधिक पक्षों के बीच, अलगाव की भावना को भेदभाव कहते हैं| भेदभाव करना मानवीय वृत्ति है अर्थात, हम यह कह सकते हैं कि, मनुष्य जन्म से ही भेदभाव करना प्रारंभ कर देता है जहाँ, वह अपने माता पिता को, दूसरे के माता पिता से श्रेष्ठ समझने लगता है| भेदभाव का मूल कारण अहम होता है| अहम अर्थात वह अहंकार जिसके माध्यम से, व्यक्ति स्वयं को पहचानता है| इस स्थिति में, व्यक्ति स्वयं से जुड़े हुए लोगों को, विभिन्न पैमानों पर श्रेष्ठ बताने का प्रयास करता है और हर तरह के भेदभाव का जन्म होता है| आगे आने वाले बिंदुओं से हम समझ सकेंगे कि, प्रमुख भेदभाव कौन से हैं|
जातिगत भेदभाव क्या है?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): जातिगत भेदभाव क्या हैः What is caste discrimination?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts3.jpg)
जातियाँ मनुष्य के अतीत की पहचान है जिन्हें, किसी समय में मानव विकास के लिए बनाया गया था ताकि, हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में सभी की उपयोगिता निर्धारित की जा सके लेकिन, आज वही जाति हमारे द्वेष का कारण बन चुकीं हैं|
सामाजिक भेदभाव क्या है?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): सामाजिक भेदभाव क्या हैः What is social discrimination?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts4.jpg)
किसी तरह से, यदि मनुष्य जातियों का भेदभाव भूल जाएं तो, सामाजिक भेदभाव अपनी जगह बना लेता है जहाँ, हम बहुत सी जातियों का एक समूह बनाते हैं और फिर मान्यताओं और धारणाओं के आधार पर, समाज की रचना होती है जहाँ, सभी के मूल्य निर्धारित होते हैं और जो व्यक्ति उनका पालन बख़ूबी करता है उसे ही, विशेष सम्मान प्राप्त होता है और उसी सम्मान की लालसा, अहंकार को जन्म देती है इसलिए, किसी और समाज का व्यक्ति, तुलनात्मक अध्ययन में हीन हो जाता है जो, सामाजिक भेदभाव का मुख्य कारण है|
सुरक्षात्मक भेदभाव क्या है?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): सुरक्षात्मक भेदभाव क्या हैः What is protective discrimination?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts5.jpg)
संसार में मौजूद प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को बचाना चाहता है इसलिए, वह अपनी सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए, एक तरह की सोच विकसित करता है जिसमें, वह इतिहास की घटनाओं के आधार पर, व्यक्तियों का मूल्यांकन करता है और जिसकी भी विचारधारा, उनके लिए घातक होती है वह, उनसे भेद करना प्रारंभ कर देता है| इस तरह के भेदभाव को, जानवरों के माध्यम से समझा जा सकता है जैसे, हिरण शेर से भेद करेगा, मेंढक साँप से भेद करेगा और चिड़िया बाज़ से भेद करेगी| इस तरह का भेद करना, मनुष्य के लिए अनुकूल होता है जहाँ, बेवजह कोई व्यक्ति आप पर आक्रामक हो सकता है जिसका आधार, पुरानी विचारधारा होती है|
आर्थिक भेदभाव क्या है?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): आर्थिक भेदभाव क्या हैः What is economic discrimination?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts6.jpg)
मानवीय अर्थों के आधार पर, किया गया भेदभाव आर्थिक भेदभाव कहलाता है जहाँ, प्रत्येक मनुष्य अपने स्वार्थ की पूर्ति को देखते हुए, व्यक्तियों से भेद करता है| इस स्थिति में संपत्ति, रोज़गार या किसी अन्य तरह की भौतिक वस्तुओं के मूल्यों को प्रधानता दी जाती है और उसी के आधार पर, मनुष्य की परिस्थिति का निर्धारण भी होता है जो, आर्थिक भेदभाव की नींव है हालाँकि, यह भेदभाव क्षणिक होता है जो, विषम परिस्थितियां उत्पन्न होते ही समाप्त हो जाता है अर्थात, संपत्ति का क्षय होते ही, व्यक्ति अपनी वास्तविक स्थिति में पुनः वापस आ जाता है|
लैंगिक भेदभाव क्या है?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): लैंगिक भेदभाव क्या हैः What is gender discrimination?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts7.jpg)
लिंग के आधार पर भेदभाव करना, प्राचीन काल से चला आ रहा है| मानवीय इतिहास में शारीरिक बल को श्रेष्टता के भाव से देखा जाता था जहाँ, पुरुष स्त्रियों की तुलना में अधिक बलशाली होते हैं इसलिए, उनका स्थान भी श्रेष्ठ माना जाता था लेकिन, आज के बदलते वैज्ञानिक काल में, शारीरिक बल से ज़्यादा बौद्धिक क्षमताओं को प्राथमिकता दी जाती है इसलिए, कुछ हद तक यह भेदभाव मिटता जा रहा है हालाँकि, इस प्रकार के भेदभाव को मिटाने के लिए, आधुनिक शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है| मेरा मानना है कि, मनुष्य को उसकी बुद्धि से पहचाना जाना चाहिए न कि, उसके लिंग से तभी, एक श्रेष्ठ मानवीय समाज का निर्माण किया जा सकेगा|
भेदभाव का महत्व क्या है?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): भेदभाव का महत्व क्या हैः What is the importance of discrimination?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts8.jpg)
भेदभाव ही मानवीय पैमाना है जिसके, आधार पर हम मनुष्य की क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं लेकिन, भेदभाव सकारात्मक होना चाहिए अर्थात, जिस भेद से ही मनुष्य को ऊपर उठने में सहायता मिले, वह हितकारी माना जाएगा| उदाहरण से देखें तो, निंदनीय कृत्य करने वाले व्यक्ति से भेदभाव करना या उसकी निंदा करना, अति आवश्यक होता है जो, मानव चेतना के चहुंमुखी विकास के लिए, अधिक महत्वपूर्ण है अन्यथा पूरे विश्व में अशांति फैल जाएगी|
क्या भेदभाव करना चाहिए?
![भेदभाव (Bhedbhav) (Discrimination facts in hindi): क्या भेदभाव करना चाहिएः What should be discriminated against?](http://buzz369.com/wp-content/uploads/2024/05/Discrimination-facts9.jpg)
यदि समाज हर तरह के मनुष्यों को समानता का दर्जा दे दे तो, इंसान और राक्षसों में अंतर कर पाना मुश्किल हो जाएगा जिससे, आम जनता का जीवन प्रभावित होगा| दरअसल शिक्षा के अभाव में प्रत्येक मनुष्य पशु की तरह ही होता है जिसके अंदर, स्वार्थ की भावनाएँ चरम सीमा पर होती है जहाँ, वह अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए, अपना जीवन जीता है और इसी भावना के चलते, आपसी सौहार्द असंतुलित हो जाता है इसलिए, समाज में द्विपक्षीय भेद अवश्य होना चाहिए| एक वो जो केवल, अपने लिए जीवन जीते हैं और दूसरे वह जो, सार्वजनिक हित के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं| इसके अतिरिक्त किसी तरह का भेदभाव करना मूर्खतापूर्ण ही कहा जाएगा|
दुनिया में कोई भी जानवर, अपने शारीरिक तल पर ही जीता है अर्थात, वह खाने पीने और संतान उत्पत्ति करके अपना परिवार बढ़ाने के अलावा कुछ और नहीं करता लेकिन, मनुष्य जानवर नहीं है| उसे एक विशेष शक्ति दी गई है जिसे, हम बुद्धि कहते हैं जिसका इस्तेमाल करके, वह अपने शारीरिक तल से ऊपर उठ सकता है और मानव विकास के लिए, अहम भूमिका निभा सकता है| इसी में प्रत्येक मनुष्य का आनंद छुपा हुआ है लेकिन, आध्यात्मिक अज्ञानता के कारण, अधिकतर मनुष्य पशुओं की तरह ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं जिससे, विभिन्न प्रकार के भेदभाव जन्म लेते हैं चूँकि, मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो, पूरे विश्व में सभी को साथ लेकर चल सकता है लेकिन, हमारा अहम हमें कभी पशु वृत्ति से बाहर नहीं आने देता| हम अक्सर इंतज़ार करते हैं कि, कोई और आएगा जो, सबके लिए सोचेगा हम तो, केवल अपने लिए ही पैदा हुए हैं और यही सोच, दुनिया के बुरे हालातों की ज़िम्मेदार है|
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