विद्यार्थी और उसका जीवन (Student life facts)

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विद्यार्थी और उसका जीवन (Student life facts in hindi):

विद्यार्थी को समझने से पहले, आपको स्वयं को जानना होगा क्योंकि, विद्यार्थी तो किसी भी विषय का बना जा सकता है किंतु, बिना स्वयं को जाने, किसी भी विषय को चुनना दुविधाजनक होता है जिससे, पूरा विद्यार्थी जीवन प्रभावित हो जाता है या यूँ कहें कि, जाना था चीन, पहुँच गए नेपाल| वस्तुतः, जिस भांति से स्वार्थी का अर्थ स्वयं के अर्थों या हितों के लिए जीने वाला व्यक्ति होता है, उसी भांति विद्यार्थी का अर्थ, विद्या के लिए जीने वाला व्यक्ति कहलाता है लेकिन, आज हमारे युवाओं के बीच, शिक्षा का महत्व केवल, रोज़गार प्राप्ति से रह गया है| शिक्षण संस्थानों में आज विद्यार्थियों की हालत दयनीय हैं| पढ़ाई उन्हें बोझ की भांति लगने लगी है और भविष्य अंधकार से भरा प्रतीत हो रहा है| जहाँ पहले इस विश्व में बड़े बड़े ज्ञानी, अर्थशास्त्री, इतिहासकार और वैज्ञानिक हुए, वहीं आज के छात्र छात्राएँ, सोशल मीडिया के बढ़ते हुए आकर्षण के प्रभाव में भ्रामक जीवन शैली का चुनाव कर रहे हैं |

विद्यार्थी और उसका जीवन student life style
Image by Maria from Pixabay

वस्तुतः, विद्यार्थी का संबंध भविष्य से नहीं बल्कि, वर्तमान से है अर्थात, शिक्षा भविष्य में कुछ अर्जित करने हेतु ग्रहण नहीं की जाती बल्कि, शिक्षा तो वह सीढ़ी है, जिसके माध्यम से, आप इस माया रूपी संसार को, समझ पाने में सक्षम हो सकें| हालाँकि, आप सोच रहे होंगे कि, यह सब बातें तो, आप पहले से ही जानते हैं फिर भी, आपका मन पढ़ने में नहीं लगता| क्यों, पढ़ाई एक बंधन की भांति लगती है? जो, हमेशा हमें जकड़ा हुआ अनुभव कराती है| इसकी तह तक जाने के लिए, हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|

1. विद्यार्थी कौन है?
2. विद्यार्थी जीवन कैसा होना चाहिए?
3. विधार्थी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?
4. विध्यार्थी जीवन में समय का महत्व क्या है?
5. विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?
6. अच्छे विद्यार्थी के गुण क्या है?
7. विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण कैसे करें?

उपरोक्त सभी प्रश्न के उत्तर, विद्यार्थियों के समुचित विकास के लिए अनिवार्य हैं लेकिन, मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि, यदि आपने किसी एक को भी, अपने जीवन में गहराई से उतार लिया तो, निश्चित ही आप एक अच्छे विद्यार्थी के गुणों को समझ सकेंगे जिससे, आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होंगे| तो चलिए चलते हैं, विद्यार्थियों के कुछ अनसुने रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए|

विद्यार्थी कौन है?

विद्यार्थी कौन हैः who is student?
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अगर सीधे तौर पर कहना हो तो, विद्यार्थी विद्या अर्जन करने वाले छात्र छात्राएँ हैं| जिनका उद्देश्य केवल और केवल शिक्षा ग्रहण करना है किंतु, इस संसार में तो चारों ओर ज्ञान विज्ञान फैला हुआ है और आपका जीवन बहुत छोटा है| तो फिर आप बिना स्वयं को पहचानें, कैसे समझ सकेंगे कि, कौनसा ज्ञान आपके जीवन के लिए, उपयोगी सिद्ध होगा इसलिए, विद्यार्थी का संबंध, अपने जीवन के महत्व को समझते हुए, एक सार्थक उद्देश्य की पूर्ति हेतु, ज्ञान प्राप्त करने वाले व्यक्ति से है अर्थात, विद्यार्थी वह नहीं, जिसे दुनिया देखकर कहे कि, वह छात्र है बल्कि, वह है जिसे, स्वयं पता होना चाहिए कि, वह पढ़ाई क्यों कर रहा है| फिर चाहे आयु कोई भी हो, विद्यार्थी बना जा सकता है|

विद्यार्थी जीवन कैसा होना चाहिए?

विद्यार्थी जीवन कैसा होना चाहिएः how to be student lifestyle?
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जैसा कि, उपरोक्त यह बात स्पष्ट की गई है कि, विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षा ही, सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसलिए, एक विद्यार्थी को चाहिए कि, वह जिस भी विषय में अध्ययनरत है, पूरी निष्ठा और लगन से, उसकी गहरायी तक पहुँचने का प्रयास करे| वस्तुतः, हमारा मन चंचल होता है और वह इधर उधर भागने लगता है किंतु, एक विद्यार्थी को अपनी शिक्षा में ही, आनंद ढूँढना चाहिए फिर, पढ़ाई एक खेल की भांति लगने लगेगी|

विद्यार्थी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?

विद्यार्थी की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए: day to day life of students?
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शरीर से संबंधित कार्यों के लिए, दिनचर्या का उतना महत्व नहीं होता क्योंकि, कुछ ही दिनों के अंदर, मानव शरीर किसी भी कार्य में, स्वयमेव ही ढल जाता है लेकिन, मानसिक कार्यों के लिए खाने, पीने, सोने तथा व्यायाम का ध्यान रखना अनिवार्य होता है| एक विद्यार्थी की दिनचर्या, उसकी शिक्षा के आस पास की घूमना चाहिए| जिस भांति जीवन में, प्राणवायु का महत्व होता है उसी भांति से, एक विद्यार्थी के लिए, उसकी पढ़ाई प्राथमिक कार्य में सम्मिलित होना चाहिए|

विध्यार्थी जीवन में समय का महत्व क्या है?

विध्यार्थी जीवन में समय का महत्व क्या है: time importance of student life?
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एक विद्यार्थी के लिए, उसका जीवन ही उसका समय हैं अर्थात, किसी भी विद्यार्थी को काल से परे होना चाहिए जहाँ, उसे रात दिन एक बराबर ही लगने चाहिए हालाँकि, शारीरिक आवश्यकताओं के अनुसार कुछ समय, शरीर नियंत्रित कार्यों को भी दिया जा सकता है किंतु, धीरे धीरे इनका समय संकुचित किया जाना चाहिए और अधिकतर समय शिक्षण कार्यों में ही समर्पित होना चाहिए|

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का क्या महत्व हैः discipline importance of student life?
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अनुशासन वह बंधन है जो, किसी सार्थक कार्य करने हेतु शरीर को, मानसिक रस्सियों से बाँधे रहने में विवश करता है| अनुशासन एक ऐसा शब्द है जिसका, किसी भी मनुष्य के जीवन में, सर्वाधिक महत्व होना चाहिए किंतु, एक विद्यार्थी के लिए उसका अनुशासन, शिक्षा केंद्रित होना चाहिए अर्थात, जब एक छात्र या छात्रा अपनी पढ़ाई को, अपने दिल के केंद्र में रखकर चलते हैं तो, अनुशासन बनाने की आवश्यकता नहीं होती| एक विद्यार्थी के लिए अनुशासन दबाव नहीं बल्कि, मित्र की भांति होना चाहिए ताकि, विद्यार्थी जीवन में आनंद का अनुभव प्रतिक्षण बना रहे|

अच्छे विद्यार्थी के गुण क्या है?

अच्छे विद्यार्थी के गुण क्या हैः characteristics of best students
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एक पूरा गोलाकार आकार बनाने के लिए, केन्द्र बिन्दु एक ही स्थान पर होना होना आवश्यक है| उसी प्रकार एक अच्छे विद्यार्थी को, केवल शिक्षा पर पूर्णता केंद्रित होना चाहिए| अगर विद्यार्थी, अपनी इंद्रियों के चंचलता के प्रवाह में, अनुशासित नहीं रह सकता तो, उसके सार्थक उद्देश्यों की पूर्ति, कभी नहीं होगी| अतः विद्यार्थी को पढ़ाई के अतिरिक्त, किसी अन्य विषय में आनंद प्राप्त हो रहा है तो, उसे सतर्क हो जाना चाहिए अन्यथा, भविष्य निर्माण का संकल्प अधूरा रह जाएगा|

विद्यार्थी उज्जवल भविष्य निर्माण कैसे करें?

विद्यार्थी उज्जवल भविष्य निर्माण कैसे करें: how to make great future for students
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भविष्य केवल एक कल्पना मात्र है| इसका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं होता अर्थात, विद्यार्थी को चाहिए कि, भविष्य में कुछ बनने के उद्देश्य से शिक्षा ग्रहण न करें अन्यथा, शिक्षा सपनों का बोझ बढ़ाती रहेगी और धीरे धीरे, भविष्य अंधकार में डूबता जाएगा| उदाहरण से समझें तो, यदि कोई छात्र, प्रथम कक्षा में है तो, उसे केवल अपने विषय में पूरी तरह डूबकर, दूसरी कक्षा तक का सपना देखना चाहिए| इसके अतिरिक्त, विचारों की कल्पना करना, व्यर्थ है क्योंकि, विद्यार्थी जीवन एक मार्ग है जहाँ, पहली सीढ़ी केवल, दूसरी सीढ़ी तक ही दृश्य दिखा सकती है किंतु, जैसे ही दूसरी सीढ़ी में, विद्यार्थी पहुँचते हैं तो, तीसरी सीढ़ी देखने की शक्ति, स्वयं मिल जाती है| हाँ किंतु, यदि विद्यार्थी पहली में ही बैठकर, अपना लक्ष्य देखने का प्रयास करें तो, निश्चित ही दिशा भ्रमित हो जाएंगे|

विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के भविष्य का आधार है| यदि पेड़ की जड़ें ही दुर्बल हो जाए तो, वह हवा से नहीं लड़ सकता| उसी भांति बिना शिक्षा के हम, इस माया रूपी संसार को, नहीं समझ सकेंगे और पूरा जीवन, दूसरों के पीछे भागते हुए ही चला जाएगा|

 

उपरोक्त बिंदुओं के निष्कर्ष से, हम यह कह सकते हैं कि, एक विद्यार्थी प्रारम्भ में, एक बीज की भांति होता है जो, मिट्टी के संपर्क में आते ही, अपनी क्षमताओं के अनुसार, अपनी आकृति का विस्तार करता है, उसी प्रकार विद्यार्थी भी, किताबों के संपर्क में आकर, बौद्धिक क्षमताओं का विकास कर पाता है जिसमें, अभ्यास की एक अहम भूमिका होती है| अंत में एक विशेष बात यह है कि, एक विद्यार्थी को अपनी संगत पर विशेष ध्यान रखना चाहिए जहाँ, उसकी प्राथमिकता केवल वही व्यक्ति होना चाहिए जिसके, संपर्क में आते ही उसका मन पढ़ाई के लिए, करने लगे और सही मायनों में, वही विद्यार्थी का सच्चा साथी कहलाने योग्य है| इसके अतिरिक्त सभी महत्वहीन हैं|

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