सोशल मीडिया (social media explained in hindi):
आज के युग में, सोशल मीडिया के बढ़ते हुए उपयोग से, लोगों का जीवन परिवर्तित हो रहा है| कुछ लोग इसे सकारात्मक तौर पर अपना रहे हैं| वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो, सोशल मीडिया के नकारात्मक प्रभाव से भयभीत हैं| पहले छोटी से छोटी बातों की जानकारी के लिए, लोग बुजुर्ग व्यक्तियों को ही अपना गूगल समझते थे किंतु, आज इंटरनेट ने ऐसे बुजुर्ग ज्ञानी व्यक्तियों का अस्तित्व समाप्त कर दिया है जो, कभी अपने ज्ञान की वजह से लोगों का आकर्षण हुआ करते थे आज, उनकी उपयोगिता समाप्त होती जा रही है| सोशल मीडिया पर विद्यार्थियों के द्विपक्षीय रवैये देखने को मिलते हैं जहाँ, कुछ इस तकनीक का समर्थन करते हैं और कुछ इसे, अपनी शिक्षा का बाधक भी मानते हैं लेकिन, यदि बात छोटे बच्चों की हो तो, वह भी सोशल मीडिया में रुचि रखने लगे हैं| हालाँकि, कुछ माँ बाप दबाव देकर, अपने बच्चों को मोबाइल से दूर करने का प्रयास करते हैं किंतु, वह पर्याप्त नहीं| यहाँ सबसे बड़ा सवाल है कि, क्या आज के समय में सोशल मीडिया से दूर रहा जा सकता है? यदि नहीं तो, इसकी वास्तविक उपयोगिता समझने के लिए, हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|
- सोशल मीडिया क्या है?
- सोशल मीडिया के फायदे क्या हैं?
- सोशल मीडिया के नुकसान क्या हैं?
- सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग कैसे किया जा सकता है?
- क्या मुझे सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए?

सांसारिक दुनिया में, जानकारियों की अहम भूमिका होती है| प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वार्थों से जुड़ी हुई सूचनाएँ एकत्रित करना चाहता है जैसे, विद्यार्थी को शिक्षा से संबंधित सूचना चाहिए और युवाओं को, रोज़गार से संबंधित| लेकिन, समस्या यह है कि, कौन सा स्त्रोत भरोसेमंद है और कौन सा नही, यह कैसे तय किया जाए? प्राचीन काल में किसी भी बात की जानकारी, अपने ही क्षेत्र के संत, महात्मा और गुरुजनों से प्राप्त हो जाती थी किंतु, अब समय परिवर्तित चुका है| लोग सोशल मीडिया पर विश्वास करने लगे हैं जिससे, मानव जीवन में अकल्पनीय परिवर्तन हुए हैं| आज किसी भी विषय पर झूठ फैलाना आसान हो गया है| सभी सूचनाएँ, पक्ष और प्रतिपक्ष के आधार पर प्रकाशित की जाती है जिसका, सत्यता से भले ही वास्ता न हो लेकिन, लोगों का मनोरंजन अवश्य होता है| सोशल मीडिया कई उलझनों से भरा हुआ है| जिसके रहस्यों को समझने के लिए, हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|
सोशल मीडिया क्या है?

मानवीय विचारों को व्यक्त करने का तकनीकी माध्यम, सोशल मीडिया है| सोशल का शाब्दिक अर्थ होता है सामाजिक अर्थात सोशल मीडिया अलग अलग समाजों का समन्वय है| सीमित समय में, अधिक से अधिक सूचना का प्रसार किए जाने वाला सोशल मीडिया, आज प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकता बन चुका है| यूट्यूब, फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे, बड़े बड़े एप्लीकेशन, सर्वाधिक लोकप्रिय हैं| मनुष्य अपने जीवन में जो कुछ भी करता है वह, अपने अस्तित्व को बचाने और अहंकार को बढ़ाने के लिए ही करता है| वस्तुतः लोग चाहते हैं कि, कोई उनकी बातें सुनें, कोई उन्हें देखें और कोई उनकी बढ़ाई करे इसलिए, सोशल मीडिया का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है| सभी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं| जिसके जितने फॉलोअर, उसका उतना बड़ा प्रभाव और यही आज की भ्रामक स्थिति है जहाँ, मनुष्य सच्चाई से कोसों दूर हो चुका है| दो मिनट की वीडियो देखकर, अपने जीवन का निर्णय करने वाले अधिकतर लोग, दुखदायी जीवन व्यतीत कर रहे हैं| अतः हम कह सकते हैं, सोशल मीडिया का उपयोग करने से पहले, अपने बारे में जान लेना चाहिए तभी, यह लाभकारी सिद्ध होगा|
सोशल मीडिया के फायदे क्या हैं?

सोशल मीडिया, बहु आयामी रंगमंच हैं जहाँ, विभिन्न संप्रदायों और समूहों के लोग अपने विचारों को प्रसारित करते हैं| सोशल मीडिया, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक तकनीकी माध्यम है| आज किसी भी घटना की जानकारी, बड़ी आसानी से प्राप्त की जा सकती है किंतु, जानकारियों का परीक्षण करना, उतना ही दुर्लभ होता जा रहा है| आज बड़ी बड़ी कंपनियां, संस्थाएं और मनुष्य सभी, सोशल मीडिया पर अपना निजी खाता बनाकर रखते हैं| जिनसे वह समाज में, अपना प्रभाव बना पाते हैं| यदि सोशल मीडिया की क्षमताओं का पूर्णतः उपयोग किया जाए तो, यह मानव जीवन के लिए बहु उपयोगी सिद्ध होगा|
सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव क्या हैं?

आधुनिक समाज, सोशल मीडिया के आधार पर खड़ा है| बच्चे से लेकर बूढ़े तक, किसी न किसी माध्यम से सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं जिससे, बच्चों में भोगवादी सोच का विकास निरंतर हो रहा है| आज के बच्चे, माँ बाप से अधिक महत्व इन्फ्लुएंसर को देने लगे हैं| कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, बच्चों में शिक्षा का प्रभाव कम कर रहे हैं| आज लोगों के विचार परिवर्तित हो चुके हैं| पहले, लोग शिक्षा को सर्वाधिक महत्व देते थे लेकिन, अब उन्हें भी लगने लगा है कि, पढ़ाई से अधिक दिखावा करना लाभकारी होता है| लोग एक दूसरे को देखकर, सांसारिक भँवर में फँसे रहते हैं| सोशल मीडिया में अधिकतर घटनाओं को बढ़ा चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है जो, पूर्णतः भ्रामक होती है| पैसे वाले लोगों के लिए, किसी भी विषय पर आख्यान करना, आम बात है| हालाँकि, सोशल मीडिया, दुनिया की वास्तविकता से कोसों दूर है| आज लोगों का जीवन दूभर हो गया है| एक छोटी सी घटना भी, पूरे विश्व में विवाद की स्थिति पैदा कर देती है| सोशल मीडिया किसी भी गंभीर मुद्दे पर, सभी की आंखें बंद कर देता है| लोग, केवल वादविवाद करने में व्यस्त हैं| पृथ्वी की बढ़ती हुई समस्याओं से अनभिज्ञ, अपने अहंकार को बढ़ाने में लगे हुए हैं| अतः प्राथमिक विषयों को महत्व न देना ही, सोशल मीडिया का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव है|
सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग कैसे किया जा सकता है?

यदि आपके जीवन में सत्यता है तो, सोशल मीडिया आपके लिए बहुउपयोगी होगा किंतु, यदि झूठ के आधार पर, आपने अपनी पहचान स्थापित करने का प्रयास किया तो, यह आपके लिए घातक हो सकता है| सोशल मीडिया में कोई भी बात आग की भांति फैलती है जिसे, वायरल ट्रेंड कहा जाता है| सोशल मीडिया लोगों के निजी जीवन के साथ साथ, व्यावसायिक कार्यों के लिए भी लाभकारी होता है| आज बड़ी बड़ी कंपनियां, सोशल मीडिया का उपयोग करके ही, अपने उत्पादों का प्रचार कर रही है| शिक्षक, सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं| ब्लॉगर्स अपने जीवन का अनुभव, प्रस्तुत कर रहे हैं| यह कहना अनुचित नहीं होगा कि, आने वाले समय में, व्यक्तियों को उनके काम से नहीं, उनके फॉलोअर्स की संख्या से जाना जाएगा इसलिए, सांसारिक मनुष्यों को सोशल मीडिया का उपयोग, अवश्य करना चाहिए लेकिन, उससे पहले अपने जीवन का उद्देश्य पता होना अनिवार्य है ताकि, कोई भी सूचना व्यक्तिगत जीवन को, प्रभावित न करे| किसी को देखकर, अपनी पहचान बनाने वाले व्यक्ति, बहुत जल्द ही नकारात्मकता में प्रवेश कर जाते हैं| जब तक मनुष्य को पता न हो कि, उसे क्या चाहिए तो, सोशल मीडिया उसे किसी भी दिशा में खींच सकता है जो, भविष्य में दुखदायी हो सकता है|
क्या सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए?

आज के समय में सोशल मीडिया ही पहचान है| यदि आपका जीवन सांसारिक विषय वस्तुओं से जुड़ा है तो, निश्चित ही आपको सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए किंतु, ध्यान रहे सोशल मीडिया आपके जीवन के स्तर को, ऊपर उठाने के लिए होना चाहिए न कि, नीचे गिराने के लिए अर्थात, सोशल मीडिया में उपलब्ध विषय सामग्री भ्रामक होती है, जिसकी सच्चाई केवल, ऐसा व्यक्ति समझ सकता है जो, अपने अहंकार से ऊपर, सत्य को महत्व देता हो वही, बिना पक्षपात के किसी भी परिस्थिति का, सही निर्णय कर सकेगा| बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रख पाना असंभव है इसलिए, उन्हें मोबाइल देते समय, यह ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि बच्चे कौन सी बातें सुन रहे हैं या किस तरह के चित्र देख रहे हैं? अन्यथा, इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं|
संसार में अच्छा और बुरा कुछ नहीं होता| यह तो, द्रष्टा की दृष्टि अर्थात देखने वाले की नीयत पर निर्भर करता है| सोशल मीडिया में यदि, सही भावना से प्रवेश किया जाए तो, दुनिया बदली जा सकती है लेकिन, यदि केवल दिखावे या अपने निजी स्वार्थों के लिए, सोशल मीडिया का उपयोग किया गया तो, यह दुखदायक होगा| वस्तुतः मनुष्य दो तलों पर बँटा है| शारीरिक तल और चेतना संचालित तल| जहाँ, निरुद्देश्य व्यक्ति अपने शारीरिक इच्छाओं के अनुसार, दिखावा करने और केवल धन अर्जित करने के लिए, समर्पित होता है| ऐसा व्यक्ति जितने कम समय में सफलता अर्जित करता है, उससे भी कम समय में वह, अपना उत्साह खो बैठता है| वस्तुतः मनुष्य बिना सत्य के आनंदित नहीं रह सकता इसलिए, सर्वप्रथम अपने ह्रदय के सच तक पहुँचना चाहिए और अपने आंतरिक भाव से, जाग्रत होकर ही सोशल मीडिया में प्रवेश करना चाहिए तभी, वास्तविक ज्ञानवर्धक विषय तक पहुँचा जा सकेगा और तभी, मानव जीवन आनंददायी होगा| सोशल मीडिया वह सागर है जिसके मंथन से, अमृत और विष दोनों निकलते हैं किंतु, इनमें भेद कर पाना अत्यंत कठिन है जो, मनुष्य जैसा होता है उसे, वैसी ही विषय वस्तु आकर्षित करती है इसलिए, सोशल मीडिया पर नकारात्मक आरोप लगाना उचित नहीं होगा|
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