नौकरी या व्यवसाय (Job and business facts)

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नौकरी या व्यवसाय (Job and business facts in hindi):

नौकरी या व्यवसाय, मनुष्य की सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है किंतु, उसके प्राप्त होते ही, जीवन विभिन्न परेशानियों से ग्रसित हो जाता है| प्रत्येक व्यक्ति काम के माध्यम से ही, ख़ुशियाँ प्राप्त करना चाहता है जहाँ, वह धन अर्जित करने के उद्देश्य से, कठिन परिश्रम करने से भी पीछे नहीं हटता किंतु, उसे वर्तमान के दुख और भविष्य की चिंताओं के सिवा, कुछ प्राप्त नहीं होता| क्या कारण है कि, हम अपने नौकरी या व्यवसाय में आनंद अनुभव नहीं कर पाते? इसे समझने के लिए कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|

1. नौकरी क्या है?
2. व्यापार किसे कहते हैं?
3. क्या करना सही है व्यापार या नौकरी?
4. व्यापार में सफलता कैसे मिलती है?
5. सबसे अच्छी नौकरी कौन सी है?

नौकरी या व्यवसाय: job or business
Image by muntazar mansory from Pixabay

आपने अनुभव किया होगा, जिस नौकरी का कभी आपने सपना देखा था आज वही, आपके लिए केवल एक लाचारी बन गई है| मुख्य प्रश्न यह है कि, क्या कोई ऐसा रास्ता भी है, जिसके माध्यम से, जीवन की असली खुशियाँ प्राप्त की जा सकें या अपनी लाचारी मानकर, उसी जीवन को ढोते रहना ही अंतिम विकल्प है? निम्नलिखित बिंदुओं की सहायता से, इसे जानने का प्रयत्न करते हैं|

नौकरी क्या है?

नौकरी क्या हैः what is the job?
Image by Rodrigo Salomón Cañas from Pixabay

स्वार्थ भाव या कामवासना से ग्रसित होकर, सांसारिक उद्देश्यों की पूर्ती हेतु, अपना जीवन समर्पित करना ही नौकरी कहलाता है| नौकरी का एकमात्र उद्देश्य, धन अर्जित करना ही नहीं होता बल्कि, कुछ लोगों के लिए, यह कर्तव्य भी कहलाता है लेकिन, ऐसे व्यक्तियों की संख्या बहुत कम है जो, श्रद्धा भाव से नौकरी करना पसंद करते हैं यद्यपि, वह अपने जीवन में आत्मशांति का अनुभव तो करते हैं किन्तु वे भी आजीवन आनंद से वंचित रह जाते हैं|

अधिकतर लोगों का मानना है कि, वह अपनी लाचारी के कारण नौकरी कर रहे हैं| यदि उनके पास पुश्तैनी संपदा होती तो, वह अपने बिस्तर पर लेटे हुए, सुखी जीवन जीते किंतु, यह तो केवल तभी तक कहा जा सकता है जब तक, आप स्वयं ऐसे व्यक्ति से न मिले हों जो, धन के अलिंगन के पश्चात भी अतृप्त है क्योंकि, उसकी विचारधारा आपकी सोच से परे होगी जहाँ, आप धन को सुख का सूचक समझ रहे हैं वह व्यक्ति, धन की व्यर्थता या अनंतता का वियोग करता प्रतीत होगा अर्थात या तो, वह और अधिक धन के पीछे भाग रहा होगा या अपने घर में सारी सुख सुविधाओं के बीच, विषय वस्तु प्राप्ति की कल्पना में डूबा होगा ताकि, वह अपने दुख कम कर सके|

व्यापार किसे कहते हैं?

व्यापार किसे कहते हैंः What is business called?
Image by Arek Socha from Pixabay

धन अर्जित करने के उद्देश्य से, सांसारिक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति करना ही, व्यापार कहलाता है| कुछ लोग स्वार्थ भावना से ग्रसित होकर, मानवीय हितों की उपेक्षा करके, अपने पूर्वाग्रह के आधार पर, व्यवसाय का चुनाव करते हैं जहाँ, वह न्यूनतम सफलता के साथ, अपने जीवन में उलझकर रह जाते हैं लेकिन, कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं जिन्होंने, अपने जीवन में धन संपत्ति के साथ, जीवन का आनंदित अनुभव भी अनुभव किया होगा| किसी भी भांति का व्यापार या रोज़गार मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ही किया जाता है| मनोकामनाएँ जिस तल से प्रकट हो रही हैं, उसी तल का परिणाम प्राप्त होगा अर्थात, यदि कोई व्यक्ति धन अर्जित करने के लिए, व्यवसाय करता है तो, उसके लिए आर्थिक लाभ सुखदायक होगा और इसके विपरीत हानि अत्यंत पीड़ादायक अनुभव देगी|

क्या करना सही है व्यापार या नौकरी?

क्या करना सही है व्यापार या नौकरीः What is the right thing to do in business or job?
Image by Clker-Free-Vector-Images from Pixabay

ये सारा संसार माया है यहाँ, कुछ भी स्थायी नहीं| नौकरी हो या व्यवसाय, जब तक आप उससे प्रेम न करें तब तक, वह बोझ से अधिक कुछ नहीं होगा| हाँ, धन अर्जित अवश्य किया जा सकेगा किंतु, जिस उद्देश्य से धन कमाया गया है, वह कभी पूरा नहीं होगा| न ही मन को शांति मिलेगी और न भागदौड़ भरे जीवन से मुक्ति| यहाँ सबसे पहले आपको अपना उद्देश्य जानना होगा| इस पृथ्वी पर असंख्य जीव जन्तु हैं जिनमें से, एक प्रजाति मनुष्य की भी है लेकिन, यदि वह भी पशु पक्षियों की भांति, केवल अपनी शारीरिक आवश्यकताओं के लिए, नौकरी या व्यवसाय करेगा तो, उसे दुख अवश्य प्राप्त होंगे| मनुष्य को चाहिए कि, सर्वप्रथम वह सार्थक उद्देश्य का चुनाव करे फिर, यदि धन कमाना आवश्यक लगे तो, नौकरी या व्यापर यथाउचित मार्ग का चयन करे|

व्यापार में सफलता कैसे मिलती है?

व्यापार में सफलता कैसे मिलती हैः How to achieve success in business?
Image by Amore Seymour from Pixabay

दुनिया में एक से एक व्यापारी है जिन्होंने, अपने जीवन में अपार सफलताएँ प्राप्त की हैं किंतु, सफलता के मायने सभी के लिए अलग अलग होते हैं| मनुष्य एक ऐसा प्राणी है जो, कल्पनाओं में जीवन जीता है अर्थात, पहले हम किसी व्यापार के बारे में विचार करके, उसे प्रारंभ करते हैं और बाद में, वही व्यापार हमारे लिए सरदर्द बन जाता है जो, व्यापार पहले कल्पनाओं में मनभावन लग रहा था आज वही, वेदना बन चुका है| इसके पीछे एक बहुत बड़ा रहस्य छुपा हुआ है जिसे, आध्यात्मिक भाषा में आत्मज्ञान के नाम से जाना जाता है| सरल शब्दों में कहें तो, बाहरी वातावरण से प्रभावित हुए बिना, मानव विकास के लिए, सकारात्मक सोच रखकर, चुना हुआ व्यापार, तुलनात्मक रूप से अत्यधिक आनंदित होगा| वस्तुतः प्रत्येक मनुष्य की खोज अनंतता है लेकिन, वह एक सीमित दायरे में उसे प्राप्त करना चाहता है जो, असंभव है अर्थात किसी भी भौतिक विषयवस्तु को, अपना व्यावसायिक लक्ष्य बनाना, दुख की ओर बढ़ाया हुआ पहला चरण है इसलिए, एक श्रेष्ठ विचारधारा के साथ, व्यवसाय का चयन किया जाना चाहिए| जिस पर चलकर, मानव जीवन के साथ साथ प्रकृति का संरक्षण भी किया जा सके और ऐसे व्यवसाय, मान सम्मान के साथ, अनंतता भी प्राप्त करते हैं क्योंकि, स्वार्थ की कोई आयु नहीं होती और परमार्थ की, कभी मृत्यु नहीं होती| अब आपका चुनाव आपको किसी भी दिशा में ले जा सकता है|

सबसे अच्छी नौकरी कौन सी है?

सबसे अच्छी नौकरी कौन सी हैः Which is the best job?
Image by Satheesh Sankaran from Pixabay

यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर, समय के साथ परिवर्तित होता रहता है अर्थात बचपन में हम, जिस तरह की नौकरी का सपना देखते हैं, बड़े होते ही, हमारी दिशा परिवर्तित हो जाती है तो, क्या बचपन में चुनी गई नौकरी करना ही सही होगा? जी नहीं, सर्वप्रथम एक अच्छी शिक्षा लेना अनिवार्य है तभी, आपकी निर्णयन क्षमता का विकास होगा और आप एक आनंदित जीवन का चुनाव कर सकेंगे| किसी भी नौकरी को, आप यदि धन केंद्रित बनाकर चुनेंगे तो, निश्चित ही वह दुखदायी होगी| एक अच्छी नौकरी का चुनाव, कार्य की प्रकृति पर निर्भर करता है अर्थात, जो नौकरी आपको स्वयं के निकट लाने में सहायता प्रदान करें, वही आपके लिए उचित कहलाएगी| इसके विपरीत जिस नौकरी में आप, स्वयं से दूर हो जाएं, वह शीघ्रातिशीघ्र कष्ट देने वाली ही प्रतीत होगी| यहाँ स्वयं का अर्थ, वह व्यक्ति नहीं जो, सामाजिक पहचान के सहारे खड़ा है बल्कि, उस चेतना से है जो, आपके मनोवैज्ञानिक अवस्था को प्रभावित करती है जिसे, दुख अनुभव होता है, वही स्वयं है|

 

मनुष्य का जन्म अपूर्णता के भाव से हुआ है जहाँ, वह बाल्यावस्था में ही कुछ प्राप्त करने की अभिलाषा से, सांसारिक विषय वस्तुओं में खो जाता है किंतु, जब वह ख़ुशी अधूरी लगने लगती है तो, व्यवसाय नौकरी या विवाह ही, अंतिम विकल्प बचता है जिसे, हम अपनी ख़ुशी का माध्यम समझ रहे होते हैं| यही अज्ञान हमारा सबसे बड़ा दुख है| आपको यह समझना होगा कि, नौकरी या व्यवसाय केवल जीवन निर्वाह हेतु नहीं किए जाते बल्कि, यह तो जीवन जीने के माध्यम हैं जिनमें डूबकर ही, आप इस माया के संसार से, पार पा सकते हैं लेकिन, यदि आप उसमें स्थायित्व ढूंढने का प्रयत्न करेंगे तो, निराशा ही हाथ लगेगी| अतः एक श्रेष्ठ कर्म चयन ही जीवन में सुख की मिठास घोल सकता है|

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