विज्ञान और अध्यात्म (Vigyan aur adhyatm)

Rate this post

विज्ञान और अध्यात्म (Vigyan aur adhyatm facts in hindi):

वस्तुतः आपने लोगों को कहते सुना होगा कि, “मुझे अध्यात्म से क्या करना है, मैं तो आधुनिक काल का व्यक्ति हूँ केवल, विज्ञान पर भरोसा रखता हूँ|” जिसे मूर्खता नहीं, नादानी कहा जा सकता है| किसी भी मनुष्य के जीवन में विज्ञान और अध्यात्म का चोली दामन का साथ होना चाहिए क्योंकि, भौतिक विषय वस्तुओं को समझने के लिए, विज्ञान की आवश्यकता होती है और बिना भौतिक ज्ञान के, आध्यात्मिक ज्ञान समझ पाना असंभव है| इस विज्ञान और अध्यात्म के रिश्ते की गहराई को समझने के लिए, हमें कुछ प्रमुख प्रश्नों की ओर चलना होगा|

1. विज्ञान और अध्यात्म क्या है?
2. जीवन में विज्ञान का क्या महत्व है?
3. जीवन में अध्यात्म का महत्व क्या है?
4. विज्ञान और अध्यात्म में अंतर क्या है?
5. अध्यात्म और विज्ञान के बीच संबंध क्या है?

Depth of relationship between science and spirituality?
Image by Chris0223 from Pixabay

सांसारिक जीवन में उलझा हुआ मनुष्य, आध्यात्मिक शक्ति को नहीं पहचान सकता| आध्यात्मिक ज्ञान ही, जीवन विज्ञान है| यहाँ बात शारीरिक तल से ऊपर की जा रही है| यदि मनुष्य का तन और मन दोनों, एक ही दिशा में काम करते हैं तभी, उसका जीवन आनंदित हो सकता है लेकिन, यहाँ प्राथमिकता शारीरिक वृत्तियों को नहीं बल्कि, मानसिक ज्ञान को देना होगा जो कि, आध्यात्मिकता से ही संभव है| कुछ लोगों को ये बातें पहेली की भांति लग रही होंगी किंतु, आगे आने वाले बिंदुओं से न केवल विज्ञान का महत्व पता चलेगा अपितु, अध्यात्म की शक्ति से भी साक्षात्कार होगा|

विज्ञान और अध्यात्म क्या है?

विज्ञान और अध्यात्म क्या हैः What is science and spirituality?
Image by Marina from Pixabay

विज्ञान का शाब्दिक अर्थ विषय का ज्ञान है अर्थात, मनुष्य की कल्पना में आने वाले, किसी भी तरह के भौतिक विषय का अवलोकन करना ही विज्ञान है जहां प्राथमिक इकाई अणु माने गए है अर्थात सृष्टि का निर्माण अणुओं के मिलने से ही हुआ है जिसका परिक्षण करना ही विज्ञान का कार्य है ताकि मानव जीवन हेतु उन्हें उपयोगी बनाया जा सके और इसके विपरीत, जो विषय मनुष्य के कल्पना के परे हो, उसका अध्ययन ही अध्यात्म है| कुछ ऐसा है जो, आपकी सोच से भी ऊपर है जिसे, समझने के लिए मानवीय वृत्तियों से ऊपर उठना होगा, वही अध्यात्म हैं| यदि सामान्य अर्थों में कहें तो, अपनी आत्मा का ज्ञान ही अध्यात्म है लेकिन, आज हमारे बीच आत्मा का भ्रमित रूप प्रचलित है जिसे, इस लेख के निष्कर्ष में उल्लेखित किया गया है|

जीवन में विज्ञान का क्या महत्व है?

जीवन में विज्ञान का क्या महत्व हैः What is the importance of science in life?
Image by Gerd Altmann from Pixabay

विज्ञान के बिना आज मानव जीवन असंभव है| आज के आधुनिक युग में, विज्ञान की उपयोगिता निरंतर बढ़ती जा रही है जहाँ, छोटी से छोटी वस्तु से लेकर, बड़े से बड़ा यंत्र तक विज्ञान की ही देन है| सामान्य भाषा में हम कह सकते हैं कि, मनुष्य के भौतिक जीवन की अधिकतर व्यवस्था, विज्ञान पर ही आधारित है किंतु, विज्ञान को आनंद प्राप्ति का माध्यम नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि, विज्ञान केवल भौतिक वस्तुएँ प्रदान कर सकता है लेकिन, उसकी उपयोगिता का निर्धारण हमारा आध्यात्मिक बोध ही कर सकता जिसे, अगले बिंदू में स्पष्ट किया गया है|

जीवन में अध्यात्म का महत्व क्या है?

जीवन में अध्यात्म का महत्व क्या हैः What is the importance of spirituality in life?
Image by Arnie Bragg from Pixabay

आध्यात्म ही जीवन का वास्तविक आनंद है| अध्यात्म हमें बंधनों से मुक्ति देता है| बंधन ही व्यक्ति के दुख हैं वस्तुतः, मनुष्य का जीवन मानसिक बेड़ियों से जकड़ा हुआ है| मान्यताओं या धारणाओं के आधार पर, किसी भी व्यक्ति को पराधीन किया जा सकता है| उदाहरण के तौर पर कुछ ही वर्षों के अंदर, कोई भी कंपनी आपके मन मस्तिष्क में यह धारणा बैठा सकती है कि, उसका उत्पाद आपके जीवन को बदल सकता है या, आपके जीवन में खुशियां ला सकता है| उसी भांति सामाजिक धारणाएँ, रिश्तों के बंधन का अनुचर करतीं हैं जिससे, आप अपने वास्तविक रूप को नहीं देख पाते और जीवन भर किसी के भाई, किसी के बेटे, किसी के दोस्त, किसी के ग्राहक या किसी के विक्रेता बने रह जाते हैं और एक दिन, आपका जीवन समाप्त हो जाता है| जीवन की इसी वास्तविकता के गहन अध्ययन को अध्यात्म कहा जाता है| सरल शब्दों में मनुष्य को उसके मूल स्वाभाव में पहुँचना ही अध्यात्म है|

विज्ञान और अध्यात्म में अंतर क्या है?

विज्ञान और अध्यात्म में अंतर क्या हैः What is the difference between science and spirituality?
Image by Arnie Bragg from Pixabay

विज्ञान बंधन है तो, अध्यात्म मुक्ति है| विज्ञान अर्थ है तो, अध्यात्म प्रार्थ है अर्थात, विज्ञान स्वयं के भौतिक जीवन को केंद्र में रखता है जहाँ, मानव केवल अपने जीवन को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ता है किंतु, अध्यात्म प्रकृति से मनुष्य के रिश्ते को, समझने की कला है| एक सामान्य उदाहरण से समझें तो, विज्ञान आपको हथियार बनाना सिखा सकता है लेकिन, उसे चलाना किस पर है, यह तो आध्यात्म ही बताएगा वस्तुतः, अध्यात्म धर्म अधर्म समझने की एक कला है| अब आप सोच रहे होंगे कि, इससे हमें क्या करना|

तो आप स्पष्ट रूप से समझ लीजिए कि, पशुओं के लिए शारीरिक तल से जीवन जीना ही उनका धर्म है और वह उसी में आनंदित रहते हैं लेकिन, मनुष्य के जीवन में दुख तभी निष्क्रिय हो सकते हैं जब, वह स्वयं को शरीर न मानकर किसी सार्थक कार्य का माध्यम समझे और उसी के अनुसार आचरण करे|

अध्यात्म और विज्ञान के बीच संबंध क्या है?

अध्यात्म और विज्ञान के बीच संबंध क्या हैः What is the relationship between spirituality and science?
Image by Arnie Bragg from Pixabay

अध्यात्म और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं| हमारे शरीर के सुरक्षित विकास के लिए, विज्ञान का योगदान अकल्पनीय है| उसी भांति पूरी मानव जाति के सामूहिक सुरक्षित विकास के लिए, अध्यात्म आवश्यक है| आज से पहले आपने अध्यात्म की परिभाषा, मान्यताओं और धारणाओं के आधार पर ही समझी होंगी किंतु, यहाँ एक बात स्पष्ट कर दें कि, अध्यात्म का मतलब किसी तरह की मान्यता का पालन करना नहीं होता बल्कि, स्वयं को जानना होता है जहाँ, सार्वजनिक सद्भाव के लिए, अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर, जीवन समर्पित करना ही वास्तविक अध्यात्म है|

 

अब तक आपने अध्यात्म और विज्ञान के रिश्ते को ऊपरी तौर पर समझा होगा लेकिन, जब आप अपने जीवन में विज्ञान के साथ अध्यात्म का समायोजन करेंगे तभी, भय से मुक्ति मिलेगी| किसी भी तरह का डर ही, आपके जीवन के आनंद का सबसे बड़ा बाधक है जो, प्रतिक्षण आपको कुछ खोने के विचार से जीने नहीं देता जिससे, एक मानसिक दुविधा बनी रहती है| एक सामान्य उदाहरण से देखें तो भूतों के नाम पर, आपको कई वर्षों से मूर्ख बनाया जा रहा है जिसमें, आध्यात्मिकता के नाम पर आप ठगे जाते हैं| यदि आप विज्ञान को समझ पाते तो, इस सच्चाई से पर्दा उठ चुका होता और उसी भांति विज्ञान के द्वारा, उत्पादित भौतिक वस्तुओं से ख़ुशी प्राप्त करने की अधूरी मनोकामना के पीछे भागते हुए, दुख प्राप्त कर रहे व्यक्तियों को, अध्यात्म की जानकारी होती तो, वह वास्तविक आनंद के लिए विज्ञान की दासता कभी नहीं स्वीकारता बल्कि, विज्ञान मानव के साथ साथ जीवो के लिए भी सहायक सिद्ध होता किंतु स्वार्थ ले चस्मे में परमार्थ कैसे दिखाई देगा| आज विज्ञान उसी प्रकार है जैसे, बन्दर के हाथ में तलवार जो अपने पेड़ की डाल काटने पर तुला है सुख सुविधाओं के लालच ने पुरे विश्व की खनिज सम्पदा का सर्वनाश कर दिया और विनाश निरंतर बढ़ता जा रहा है जिसे अध्यात्म के बिना प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता|

Click for गुरु की महिमा- Guru ki mahima

Click for भगवान- (आस्था या अंध विश्वास) is god real facts
Click for हवन कुंड | Hawan Kund | dharmik kahani

Leave a Comment