भूत प्रेत और उनकी सच्चाई (Ghost facts in hindi)

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भूत प्रेत और उनकी सच्चाई (Ghost facts in hindi with unique information):

पुराने समय से ही भूत प्रेत हमारे बीच प्रचलित हैं| भूतों के ऊपर बहुत सी किताबें लिखी गई है| जिनके माध्यम से यह बताने का प्रयास किया गया है कि, जिस तरह से भगवान का अस्तित्व इस दुनिया में हैं, उसी तरह भूत भी होते हैं| भूतों से संबंधित अनगिनत फ़िल्में बनायी गई है जिन्होंने, भूतिया घटनाओं को कुछ हद तक प्रमाणित भी किया है लेकिन, क्या वैज्ञानिक काल में, ऐसी किसी रहस्यमयी शक्तियों का विश्वास करना नासमझी है या सच में, हमें भूतों से सावधान रहने की आवश्यकता है| आइए कुछ प्रश्नों के माध्यम से, इस तथ्य को प्रकाशित करने का प्रयास करते हैं|

 

  1. भूत है क्या?
  2. भूत का चेहरा कैसा होता है?
  3. भूत को कैसे पहचाना जाता है?
  4. भूत कब आता है?
  5. भूत कैसे रोता है?
  6. भूत क्या खाते हैं?
  7. क्या भूत के पाँव पीछे होते हैं?
  8. भूत की आवाज कैसी होती है?
  9. भूत किस से डरते हैं?
  10. हम भूत से क्यों डरते हैं?
  11. भूत का डर कैसे भगाये?
  12. क्या भूत सच में होते हैं?
भूत का डर केवल बाहरी न होकर, आंतरिक होता है| Ghost facts
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वस्तुतः ऊपर दिए हुए सभी प्रश्न, आपको सामान्य लग रहे होंगे किंतु, आपके जीवन में इनका बहुत बड़ा महत्व है| भूत का डर केवल बाहरी न होकर, आंतरिक होता है जो, किसी भी इंसान के मनोवैज्ञानिक विचारधारा को प्रभावित करता है जो, आपके भविष्य निर्माण में बाधा खड़ी कर सकता है तो, चलिए महत्वपूर्ण प्रश्नों की ओर|

भूत है क्या?

भूत है क्या? what is ghost
Image by Jim Cooper from Pixabay

भूत भय का दूसरा नाम है| जिसके पीछे यह धारणा है कि, मरने के बाद जिसकी आत्मा मुक्त नहीं होती, वह भूत बनता है| भूत प्रेत को एक हवा की भांति माना जाता है| जिसे साधारण आँखों से देख पाना संभव नहीं है| भूतों को रहस्यमय शक्तियों का स्वामी बताया जाता है| पहले केवल भूतों की चर्चा हुआ करती थी लेकिन, अब डायन, चुड़ैल, जिन्न आदि जैसे डरावने पात्रों को भी, हमारे समाज में प्रचलित किया गया है हालाँकि, सभी का उद्देश्य केवल अतीत के भय से जुड़ा है| जहां, कुछ भय होना आवश्यक भी है| जैसे- अग्नि से जलने का भय या किसी भी भौतिक क्षति का पूर्वानुमान, जीव की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है|

भूत का चेहरा कैसा होता है?

भूत का चेहरा कैसा होता है?
Image by Rachealmarie from Pixabay

वैसे तो भूत एक आत्मा की भांति ही माना गया है| किंतु फिर भी, फ़िल्मों और कहानियों के अनुसार भूत का चेहरा भयानक होता है| लंबे नाख़ून, बड़े बड़े दाँत, पूरे शरीर पर चोटों के निशान और असीम काली शक्तियों के स्वामी होने वाले पात्र को, भूतों की पहचान से जोड़कर प्रस्तुत किया जाता है| कई लेखों का यह दावा है कि, भूत स्वेच्छा से किसी भी आकार में रूपांतरित हो सकता है| ग्रामीण कस्बों में कुछ ऐसी भी घटनाएँ देखी गई है| जिनके कुप्रभाव से, भूतों ने किसी व्यक्ति के अंदर प्रवेश करके, उसका शरीर अपनाया परिणामस्वरूप, भूतों से ग्रसित व्यक्ति, उग्र हो गए जिन्हें, तंत्र मंत्र के द्वारा नियंत्रित किया जा सका| यद्यपि यह लेख इसकी प्रमाणिकता नहीं देता|

भूत को कैसे पहचाना जाता है?

भूत को कैसे पहचाना जाता है?
Image by Pexels

दुनिया की किसी भी भौतिक वस्तु के परीक्षण के लिए, विज्ञान के उपकरणों का उपयोग किया जाता है लेकिन, भूत की पहचान करने की विधि कुछ विशेष लोगों के पास होती है| वस्तुतः भूतों को पहचानने के लिए, सभी संप्रदायों में अलग अलग विधियाँ बतायी गई है| हालाँकि, विज्ञान ऐसी किसी तरह की शक्तियों को वैधता नहीं देता फिर भी, समाज ने भूतों की पहचान करने वाले व्यक्तियों को तांत्रिक, ओझा जैसे शब्दों से संबोधित किया है|

भूत कब आता है?

भूत कब आता है? when ghost came
Image by Ray Shrewsberry • from Pixabay

भूतों के आने का समय निश्चित नहीं होता किंतु, अधिकतर कहानियों में भूत, सुनसान स्थानों में रात के समय आता है| जैसे पुरानी हवेली, पुराने खंडहर या घने जंगल| वस्तुतः भूत, इतिहास का पर्यायवाची है इसलिए, उसका अस्तित्व ऐसी जगह ही माना जाता है जहाँ, मनुष्य की साधारण आँखें विस्मित हो सके या, जिसका संबंध पुरानी किसी घटना या विषय वस्तु से हो और उसका परीक्षण, वैज्ञानिक आधार पर न किया गया हो|

भूत कैसे रोता है?

भूत कैसे रोता है?
Image by DeviantArt

आज तक भूतों के रोने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं लेकिन, सामाजिक धारणाओं में यह बात प्रचलित है कि, भूत भेड़िए की भांति रोता है| कुछ असाधारण घटनाओं में, मनुष्य के माध्यम से भी, भूत रोते हैं जिसमें, भूतों से ग्रसित व्यक्ति की वाणी का स्तर ऊँचा हो जाता है| आपने यहाँ तक सुना होगा कि, भूत प्रेत से प्रभावित महिला, पुरुषों की भांति स्वर निकालने लगती है और उसकी ध्वनि, रोते हुए और भी विचित्र अनुभव देती है जिसे, चुड़ैल से जोड़कर देखा गया है|

भूत क्या खाते हैं?

भूत क्या खाते हैं? what food eating by ghost
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वैसे तो भूतों को आत्मा की संज्ञा दी गई है इसलिए, उनके खाने का तो सवाल ही नहीं उठता है किंतु, दंत कथाओं में यह बात प्रचलित है कि, भूत पशु-पक्षियों का मांस भक्षण करते हैं और कुछ भूत तो, इंसानों का खून भी पी जाते हैं| इस बात में कितनी सच्चाई है, लेख के निष्कर्ष में इसका स्पष्टीकरण किया गया है|

क्या भूत के पाँव पीछे होते हैं?

क्या भूत के पाँव पीछे होते हैं? fact about ghost feet
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जैसा कि, भूत प्रेत को हमारे बीच अदृश्य शक्ति की भांति प्रचलित किया गया है और कुछ चित्रों के अनुसार, भूत का निचला भाग पूछ की भांति होता है जो उड़ते हुए, पतंग की भांति लहराता है तो, उसके पैर होने का सवाल ही पैदा नहीं होता| हाँ लेकिन, भूत लगने का दावा करने वाले व्यक्तियों के पैर, सामान्य ही होते हैं| भले ही उनकी गतिविधियां, असामान्यता की सारी सीमाएं पार कर दें किंतु, शारीरिक रूप से उनके पैरों में किसी तरह का परिवर्तन नहीं देखा गया|

भूत की आवाज कैसी होती है?

भूत की आवाज कैसी होती है? how ghost speaks
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मनुष्यों और कुछ अन्य जीवों में, गले के अंदरुनी भाग में, स्वरग्रंथि उपलब्ध होती है जिनके, कंपकपाने से ये जीव बोल पाते हैं लेकिन, भूतों के पास स्वयं का कोई शरीर नहीं होता इसलिए, स्वर ग्रंथी का भी होना असंभव है किंतु, भूतों से जुड़ी घटनाओं में उनकी ध्वनि डरावने हवा के प्रवाह से प्रस्तुत की जाती है हालाँकि, कुछ लोग प्रेतबाधा से पीड़ित व्यक्ति के परिवर्तित स्वर को भूतिया आवाज़ कहते हैं| भूतों से ग्रसित व्यक्ति की वाणी सामान्य स्वर से लेकर, हिंसक जानवर की भांति हो सकती है जो, सुनने में भयावह लगती है|

भूत किससे डरते हैं?

भूत किस से डरते हैं?ghost sacred with what object
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वैसे तो भूतों को ही डरावना पात्र समझा जाता है लेकिन, कुछ लोग ऐसी शक्तियों का दावा करते हैं जिनके, माध्यम से वह भूतों को नियंत्रित कर सकते हैं| कई संप्रदायों में भूतों को डराने की विधियां उपलब्ध हैं| कुछ लेखों के अनुसार, भूतों को डराने के लिए, भगवान या ईश्वर से जुड़ी विषय वस्तु की मदद ली जाती है किंतु, क्या वास्तव में भूत भगवान से डरते हैं या, यह कोई षड्यंत्र है जिसका बोझ, हमारा समाज कई वर्षों से ढो रहा है? अंत में हम इस विषय पर चर्चा करेंगे ताकि, अंधविश्वास और आस्था में भेद किया जा सके|

हम भूत से क्यों डरते हैं?

हम भूत से क्यों डरते हैं? why we scared with ghost?
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भूतों की तथ्यात्मक जानकारी का अभाव ही, हमारे डर का आधार है| हमारे समाज में भूतों का काल्पनिक इतिहास बहुत पुराना रहा है| जिसका प्रभाव हमारे मन मस्तिष्क पर गहराई से छाया हुआ है| भले ही हमने भूतों को आज तक, आँखों से न देखा हो और न ही विज्ञान ने इसे प्रमाणित किया हो, फिर भी मानव द्वारा, मानसिक कल्पना से भूतों के ऊपर, पूरा साहित्य गढ़ा जा सकता है|

भूत का डर कैसे भगाये?

भूत का डर कैसे भगाये? how to protect from ghost
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पुराने वृत्तांतों में भूतों का उल्लेख मिलता है| जिसके अनुसार, भूत का भय भगाने के लिए ताबीज़, धागा या किसी और तरह की भौतिक वस्तुओं का उपयोग किया जाता है| वहीं कुछ संप्रदायों में, दुष्ट शक्तियों से लड़ने के लिए, तंत्र मंत्र भी दिए गए हैं| जिन्हें अत्यंत उपयोगी समझा गया है लेकिन, क्या वास्तव में शैतानी शक्तियाँ, तंत्र मंत्र से नियंत्रित की जा सकती है या, इनका अनुचित उपयोग करके, लोगों को भ्रमित किया गया है| वस्तुतः भूत का डर मनोवैज्ञानिक होता है जो, विज्ञान की जानकारी के अभाव में, मान्यताओं से प्रभावित होकर उत्पन्न होता है| जिसे भगाने का एक मात्र उपाय, वैज्ञानिक शिक्षा है|

क्या भूत सच में होते हैं?

क्या भूत सच में होते हैं? is ghost exist?
Image by OpenClipart-Vectors from Pixabay

अगर सीधे शब्दों में इसका उत्तर देना होता तो, “मेरा जवाब है, जी नहीं|” भूत चुड़ैल जिन्न या डायन जैसी कोई वस्तु नहीं होती किंतु, यह तथ्य इतनी आसानी से सामान्य व्यक्तियों द्वारा पचाया नहीं जा सकता| वस्तुतः भूतों के विषय में इतनी सारी बातें, पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे दिमाग में भर दी गई है| जिसे हटाना आसान नही| भूत केवल हमारी एक कल्पना मात्र है| जैसे परियाँ, उड़ने वाले दानव, पानी में पाई जाने वाली जलपरी इत्यादि|

फिर सवाल आता है कि, अगर भूत नहीं होते तो, बड़े बड़े धार्मिक ग्रंथों में भूतों की चर्चा क्यों की गई है? तो इसका उत्तर है, श्रेष्ठ धार्मिक वेदों में मृत्यु के बाद शरीर या आत्मा के अस्तित्व को, सिरे से नकारा गया है क्योंकि, यदि इस बात को गहराई से समझें तो, मस्तिष्क के नष्ट होते ही, हमारे विचार भी मिट जायेंगे, तो फिर यह दावा करना कि, “भूतों को अपनी पिछली बातें याद होती है, और वह प्रतिशोध लेने के लिए, पृथ्वी पर उपस्थित हैं|” यह पूर्णतः निर्रथक हैं और रही बात आत्मा की तो, इस पृथ्वी पर उपलब्ध किसी भी तरह की गैस का वैज्ञानिक परीक्षण किया जा सकता है तो, फिर भूतों का क्यों नहीं? अगर भूतों को गिना जा सकता है तो, इसका मतलब उनका आकार सीमित होना चाहिए लेकिन, मान्यताओं के अनुसार भूतों का विस्तार पूरी दुनिया में दिखाया जाता है इसलिए, दोनों ही बातें आपस में मेल नहीं खाती|

अब बात आती है, फिर तंत्र मंत्र से भूत कैसे भाग सकते हैं? वस्तुतः पुराने ग्रंथ बहु उपयोगी माने जाते हैं किंतु, वह तभी हो सकते हैं जब, उनका अर्थ सही समझा गया हो, यदि उन्हीं ग्रंथों का स्वयं ही पूरी तरह गहराई से अध्ययन कर लिया जाए तो, आपके मन से भय का भूत हमेशा के लिए हट जाएगा लेकिन, कुछ विधर्मियों ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए, ग्रंथों का अनुचित उच्चारण प्रस्तुत किया| जिसका खामियाजा, आज मानव समाज भुगत रहा है|

अगर हम यहाँ तक आ चुके हैं तो, एक बात हमें अटक रही होगी कि, इतनी सारी फ़िल्में और न जाने कितनी संस्थाएं हैं जिन्होंने, भूत होने के दावे किये हैं और मीडिया आज भी, भूतों से जुड़ी हुई घटनाओं को सच कह कर प्रदर्शित कर रहा है तो, ये क्या है? वस्तुतः, इस दुनिया में प्रत्येक मनुष्य का व्यक्तिगत स्वार्थ होता है| आज भूत और भगवान के नाम पर न जाने कितने भांति के अंधविश्वास फैलाए गए हैं| जिनके माध्यम से लोगों से, पैसा ऐंठने का प्रयत्न किया जाता है और यह पूरा इकोसिस्टम है जिसमें, भूतों से जुड़ी हुई फ़िल्म और गेमिंग इंडस्ट्री से लेकर, भूत भगाने वाली संस्थाओं तक शामिल हैं| हालाँकि, बढ़ते हुए समय के साथ, लोगों की जागरूकता एक न एक दिन, इस अंधविश्वास को हटाने में सहायक होगी| वैज्ञानिक सोच के व्यक्ति भूतों को केवल एक कल्पना ही समझते हैं|

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