मनोरंजन (Manoranjan explained)

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मनोरंजन (Manoranjan explained in hindi):

मानव जीवन में मनोरंजन की एक अहम भूमिका है| कोई भी मनुष्य अपने जीवन के सभी पलों को, आनंदित रखना चाहता है जिसके लिए, वह नित नए मनोरंजन की तलाश में रहता है| मनोरंजन के कई माध्यम होते हैं लेकिन, सभी का उद्देश्य मन को आनंदित करना होता है| मनोरंजन के लिए, अधिकतर कलाओं का उपयोग किया जाता है| जैसे नृत्य, संगीत, या अन्य कोई शारीरिक क्रिया वैसे, आजकल सोशल मीडिया सबसे अधिक मनोरंजन का केंद्र बना हुआ है जहाँ, शॉर्ट वीडियो के माध्यम से, लोगों को मनोरंजन प्रदान किया जाता है| हालाँकि मनोरंजन का उद्देश्य, केवल मन को आनंदित करना ही नहीं होता बल्कि, जगत में भ्रमित दुखी मनुष्य को, उसकी सही दिशा में अग्रसर करना होता है| वास्तविक मनोरंजन तो, मनुष्य के अंतरिक दुखों का सबसे बड़ा उपचार होता है लेकिन, आज मनोरंजन अश्लीलता का व्यवसाय बन चुका है जहाँ, कला को प्रदर्शित करने के लिए, अंग प्रदर्शन करना आवश्यक हो चुका है जिससे, मानव समाज का अंधकार निरंतर बढ़ता जा रहा है| मनोरंजन तो वह शक्ति है जो, निराश हताश और दुखी मनुष्य के लिए, वरदान साबित हो सकती है किंतु, जब मनोरंजन का उद्देश्य ही, भटक जाए तो, इसे अभिशाप बनते देर नहीं लगती| मनोरंजन की उपयोगिता को समझने के लिए, हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|

  1. मनोरंजन क्या है?
  2. मनोरंजन के उद्देश्य क्या है?
  3. मानव जीवन के लिए मनोरंजन क्यों आवश्यक है?
  4. मनोरंजन कैसे करें?
  5. मनोरंजन के साधन क्या है?
दुखी मनुष्य: sad man?
Image by Gerd Altmann from Pixabay

मनोरंजन का कोई भी साधन निरंतर आनंदित नहीं कर सकता| आपने अनुभव किया होगा, पहले जिस विषय वस्तु से आप ख़ुश हो जाते थे, आज वह आपको निराशाजनक लगती है| बचपन में हम कार्टून देख कर सब कुछ भूल जाते थे लेकिन, बड़े होने पर हमारे मनोरंजन का स्तर परिवर्तित चुका है जहाँ, अपनी क्षमताओं के अनुसार हमारा मन, स्वयं ही मनोरंजन की तलाश कर लेता है| हालाँकि, आज मनोरंजन के लिए आर्थिक क्षमता होना आवश्यक है| लोग मनोरंजन के लिए, अधिक से अधिक व्यय करने को तत्पर होते हैं किंतु, फिर भी उनका उत्साह स्थिर नहीं रह पाता| क्या ऐसा कोई मनोरंजन हो सकता है जो, हमें सदैव उत्साहित करता रहे और जिसके लिए, अलग से समय न निकाला जाए? तो मेरा जवाब है, जी हाँ बिलकुल, आप ऐसी स्थिति को प्राप्त कर सकते हैं जिसे, आत्ममुग्धता कहा जाता है| चलिए, हम निम्नलिखित बिन्दुओं पर इसकी चर्चा करेंगे|

मनोरंजन क्या है?

मनोरंजन क्या हैः What is entertainment?
Image by Joseph Mucira from Pixabay

मानवीय मानसिक दुखों को अस्थाई रूप से रोकने का माध्यम मनोरंजन है अर्थात मनोरंजन मनुष्य के जीवन की समस्याओं को, कम करने का निरर्थक प्रयास है| मनोरंजन की आवश्यकता, प्रत्येक उस व्यक्ति को होती है जो, अपनी दिशा से भटक चुका है जिसे, अपने जीवन का वास्तविक उद्देश्य ज्ञात नहीं इसलिए, वह निरंतर दुखों से ग्रसित रहता है तभी, मनोरंजन एक पेनकिलर का काम करता है जो, कुछ समय के लिए ही सही लेकिन, मन को चिंताओं से मुक्त कर देता है| मनोरंजन को स्वप्न की संज्ञा दी जा सकती है| चूँकि, नींद खुलते ही सपने अवास्तविक प्रतीत होने लगते हैं, उसी प्रकार मनोरंजन का अनुभव भी, क्षणिक होता है जो, दुःख के हल्के से झोंके में निष्क्रिय हो जाता है|

मनोरंजन के उद्देश्य क्या है?

मनोरंजन के उद्देश्य क्या हैः What is the purpose of entertainment?
Image by James de Castro James from Pixabay

वैसे तो मनोरंजन का उद्देश्य दर्शकों को उत्साहित करना होता है किंतु, आज का मनोरंजन दूषित हो चुका है जो, युवाओं में उत्तेजना और बुजुर्गो में निराशा के अतिरिक्त, कुछ नहीं दे पा रहा| कोई भी मनुष्य, मनोरंजन से तभी आकर्षित होता है जब, वह अपने जीवन में आनंद की कमी अनुभव कर रहा होता है तो, स्वाभाविक है कि, जिस अभिनय में रस न हो, उसे मनोरंजन नहीं कहा जा सकता| मनोरंजन की आवश्यकता, बच्चे से लेकर बूढ़े और कर्मचारी से लेकर व्यापारी तक, सभी को होती है| कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए, बड़े बड़े कार्यक्रम आयोजित करती है जहाँ, मंच पर कलाकार अपनी कलाओं के प्रदर्शन से, कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करते हैं| सामान्य परिवार के लोग, आर्थिक संकुचन के कारण, फ़िल्मों और त्योहारों में ही मनोरंजन ढूंढने का प्रयास करते हैं लेकिन, धनी व्यक्ति अपने मनोरंजन के लिए, विशेष स्थान घूमने को प्राथमिकता देता है हालाँकि, सभी अलग अलग माध्यम से ख़ुशी की ही तलाश में रहते हैं जो, उन्हें कुछ समय तो उत्साहित रखती है किंतु, मानसिक निराशा पुनः घेर लेती है|

मानव जीवन के लिए मनोरंजन क्यों आवश्यक है?

मानव जीवन के लिए मनोरंजन क्यों आवश्यक हैः Why is entertainment necessary for human life?
Image by Gerd Altmann from Pixabay

मनुष्य एक ऐसा जीव है जो, आंतरिक विचारों से संचालित होता है अर्थात वह अपने आस पास के वातावरण के अनुसार, अपने विचारों की रचना करता है जिससे, वह अपनी अंदरूनी क्षमता का विकास करता है और अपने जीवन का चुनाव करके, अपनी दुनिया बनाता है और जब उसे, अपनी बेरंग दुनिया में, आनंद की कमी का अनुभव होता है तो, उसे भौतिक मनोरंजन की आवश्यकता होती है| दिशाहीन मनुष्य के लिए, मनोरंजन आदि काल से आवश्यक रहा है, जिसकी झलक त्योहारों में भी देखी जा सकती है| यदि आपके जीवन में सत्यता नहीं है तो, न आपके काम में उत्साह होगा और न ही, आपके रिश्तों में प्रेम का समावेश होगा, तभी मनोरंजन की आवश्यकता होने लगेगी| यदि मनुष्य अपने वास्तविक अस्तित्व को पहचानकर, उचित कर्म या उपयोगी रिश्तों का चुनाव करें तो, वह अपने जीवन के प्रतिक्षण आनंदित रह सकेगा| जैसे, आपने सुना होगा, बड़े बड़े वैज्ञानिक या कलाकार, जिनका उदेश्य सकारात्मक होता है वह, अपने काम में डूबे होते हैं, उन्हें अलग से बाहरी मनोरंजन की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि, एक सही लक्ष्य ही, सच्चे आनंद का जन्मदाता होता है लेकिन, जिनका उद्देश्य स्वार्थ में धन अर्जित करना हो, उन्हें अपने कार्य से प्रेम कैसे हो सकता? स्वार्थ और प्रेम साथ साथ नहीं चल सकते और तब बाहरी प्रोत्साहन आवश्यक हो जाता है|

मनोरंजन कैसे करें?

मनोरंजन कैसे करें: How to entertain?
Image by Mohamed Hassan from Pixabay

अपने मनोरंजन के लिए, ऐसे माध्यम चुनने चाहिए जो, आपके जीवन के अंधकार को कम करने में सहायता प्रदान करें| ऐसी फ़िल्में देखना चाहिए जो, मन में संघर्ष को बढ़ावा दे| नकारात्मकता प्रदान करने वाले, मनोरंजन से दूरियां बनाकर रखनी चाहिए क्योंकि, कामोत्तेजना से जुड़ी हुई सामग्री से आकर्षण ही, मन में हीनभावना लाता है जिससे, मन दूषित हो जाता है| एक ज्ञानी मनुष्य अपने कार्य में ही, मनोरंजन ढूंढता है किंतु, सांसारिक स्वार्थपूर्ति उद्देश्य हेतु किये गए कार्य, मनोरंजक नहीं हो सकते इसलिए, वह बोझ बन जाते हैं| विवेकवान कर्म का चुनाव ही, जीवन को प्रभावित करता है| सत्य से आच्छादित दिशा की ओर चुना गया कार्य, सदैव रोमांचक होता है फलस्वरूप सारा जीवन ही मनोरंजक बन जाता है|

मनोरंजन के साधन क्या है?

मनोरंजन के साधन क्या हैः What are the means of entertainment?
Image by Gerd Altmann from Pixabay

तकनीकी युग में मनोरंजन के साधन आधुनिक हो चुके हैं| आज मनुष्यों का अधिकतर समय इंटरनेट से जुड़ी सामग्रियों में ही बीतता है हालाँकि, कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिन्हें, शारीरिक गतिविधियों में आनंद की प्राप्ति होती है जैसे- क्रिकेट खेलना, पहाड़ों पर चढ़ाना, बाइक चलाना और विभिन्न प्रकार की शारीरिक या मानसिक गतिविधियां इत्यादि| वैसे तो, मनोरंजन मनुष्य के लिए घातक ही होता है| जिसके कारण वह, अपनी वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं हो पाता और भ्रमित चित्त के साथ पूरा जीवन सांसारिक मनोरंजन में, उत्साह की तलाश करता रहता है| जब मनोरंजन किसी साधन पर आधारित हो तो, वह लंबे समय तक रोमांचित नहीं रख सकता| मनोरंजन के साधन मनुष्य की चेतना को उठाने वाले होना चाहिए तभी, एक आदर्श व्यक्तित्व के साथ उत्कृष्ठ समाज की रचना की जा सकती है|

जिस कार्य से मन में चिंताओं का जन्म होता हो, उसे त्याग देना ही उत्तम होगा| यदि मन दुखी है तो, मनोरंजन की ओर बढ़ने की बजाय, अपने जीवन का अंकेक्षण करना चाहिए जहाँ, स्वयं से जुड़ी हुई अनुपयोगी विषय वस्तुओं को एक एक करके हटाने का प्रयत्न करना चाहिए, जिसे आत्मावलोकन भी कहते हैं| मनोरंजन नशे की भांति है जो, कुछ देर के लिए आपके मन को शांत कर सकता है लेकिन, आजीवन शांति नहीं दे सकता| मनुष्य का मन आनंद की अनंतता में प्रवेश करना चाहता है इसलिए, वह मनोरंजन के नए नए मार्ग खोजता रहता है| वस्तुतः संसार में ऐसा कोई भौतिक माध्यम नहीं जो, मनुष्य के जीवन को सदैव आनंदित रख सके| हाँ, आध्यात्मिक ज्ञान अवश्य ही, सही जीवन चुनने में सहायक हो सकता है| एक आध्यात्मिक व्यक्ति को बाह्य मनोरंजन की आवश्यकता नहीं होती| वह आनंद की स्थिर गति को स्वयमेव ही प्राप्त हो जाता है|

 

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