निष्काम कर्म (nishkam karma)

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निष्काम कर्म (nishkam karma Yog in hindi):

मनुष्य के जीवन में कर्म अति आवश्यक है किंतु, जो लोग सकाम कर्म में लिप्त होते हैं, उनके जीवन के दुख समाप्त नहीं होते वहीं, निष्काम कर्मी का जीवन आनंद से ओत प्रोत होता है| जब भी हम किसी कार्य को मनोकामना पूर्ति के लिए करते हैं तो, यह दुखों का आधार बन जाता है जहाँ, मनोकामना पूरी होने पर मनुष्य लालची हो जाता है और मनोकामना अधूरी रहने पर, क्रोध मन को जलाना प्रारंभ कर देता है लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है कि, मनुष्य निष्काम कर्म (nishkam karma) में क्यों प्रवेश करें जबकि, वह सकाम कर्म में, क्षणिक सुख प्राप्त कर रहा है? साथ ही, उसके आस पास सभी लोग अपने निजी जीवन के लिए ही काम कर रहे हैं तो, वह अलग से चलकर क्या प्राप्त करेगा? इसे गहराई से समझने के लिए, हमें कुछ प्रश्नों की ओर चलना होगा|

  1. निष्काम कर्म क्या है?
  2. निष्काम कर्म कैसे करे?
  3. निष्काम कर्म के लाभ क्या है?
  4. निष्काम कर्मी कौन है?
  5. क्या मैं निष्काम कर्मी बन सकता हूँ?
निष्काम कर्म का उल्लेख mention of selfless deeds?
Image by Claude Mondestin from Pixabay

निष्काम कर्म का उल्लेख बहुत से प्राचीन ग्रंथों में मिलता है| आज तक जितने भी महान व्यक्ति हुए, सभी निष्काम कर्मयोग के तहत ही, अपनी पहचान स्थापित कर पाए किंतु, फिर भी सामान्य व्यक्ति निष्काम कर्म की दिव्यता से अछूते रह गए| कही न कही, आध्यात्मिक शिक्षा का अभाव ही, इसकी प्रमुख वजह रही है लेकिन, आज आधुनिक जगत ने फिर से निष्काम कर्म की चाह प्रकट की है जिसे, निम्नलिखित बिन्दुओं से समझते हैं|

निष्काम कर्म क्या है?

निष्काम कर्म क्या हैः What is selfless action?
Image by Flickr

जैसा कि, नाम से ही स्पष्ट है कि, बिना कामना के किया गया कार्य निष्काम कर्म कहलाता है| परंतु निष्काम कर्म में एक श्रेष्ठ मनोकामना का समावेश होता है जिसका, उद्देश्य परमार्थ है अर्थात एक ऐसी कामना, जिसकी पूर्ति ही कर्मी के स्वार्थ को गला देती है| निष्काम कर्म मनुष्यों द्वारा चुना गया श्रेष्ठ मार्ग होता है| ज्ञानी पुरुष भलीभाँति समझते हैं कि, सकाम कर्म उन्हें वह उपलब्धि नहीं दे सकता जिसके लिए, उन्होंने मानव जन्म लिया है इसलिए, वह दूसरों के लिए जीवन समर्पित कर देते हैं और निष्काम कर्म अपना लेते हैं ताकि, सुख दुख के चक्र से मुक्त हुआ जा सके|

निष्काम कर्म कैसे करे?

निष्काम कर्म कैसे करेः How to do selfless work?
Image by Enrique Meseguer from Pixabay

एक स्वार्थी मनुष्य चाहकर भी निष्काम कर्म नहीं कर सकता| यदि कोई व्यक्ति, पुण्य कमाने की इच्छा से निष्काम कर्म करता है तो, उसे भी निष्काम कर्मी नहीं कहा जाएगा इसलिए, सर्वप्रथम मनुष्य को अपने अहंकार को त्यागना पड़ता है अर्थात अपने निजी जीवन के मोह को, पूर्ण आहुति देने के बाद ही, निष्काम कर्मी का जन्म हो सकता है| निष्काम कर्म किसी योजना के तहत नहीं किया जाता बल्कि, सत्य को केंद्र में रखकर चुना गया कार्य ही, मनुष्य को निष्काम कर्म की ओर अग्रसर करता है|

निष्काम कर्म के लाभ क्या हैं?

निष्काम कर्म के लाभ क्या हैं: What are the benefits of selfless action?
Image by sarah blocksidge from Pixabay

वैसे तो निष्काम कर्म लाभ से रहित होता है अर्थात बिना किसी स्वार्थ के, सद्भाव की प्रेरणा से केंद्रित होकर किया गया कार्य ही, निष्काम कर्म होता है| भले ही सीधे तौर पर, निष्काम कर्मी की मनोकामनाएं पूरी न होती हो या उसे किसी भांति के, तुच्छ लाभ न हो रहे हों किंतु, निष्काम कर्म में प्रवेश करने वाला व्यक्ति, जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है जहाँ, वह किसी भांति के मोहभाव से ग्रसित नहीं होता इसलिए, वह सांसारिक दुखों से अछूता रहता है| उसके मन में एक अटूट स्थिरता आ जाती है जिससे, वह बड़े से बड़ा कार्य कर सकता है| निष्काम कर्म करने वाले व्यक्ति को, आम मनुष्यों की भांति छोटी मोटी समस्याएँ नहीं होती बल्कि, उस पर समस्याओं का पहाड़ टूटता है लेकिन, फिर भी वह अपने निर्णय पर अडिग रहता है और अंत में जीत निष्काम कर्मी की ही होती है|

निष्काम कर्मी कौन है?

निष्काम कर्मी कौन हैः Who is a selfless worker?
Image by Peggy und Marco Lachmann-Anke from Pixabay

जो व्यक्ति अपने जन्म के बंधनों से मुक्त होकर, सार्वजनिक हित के लिए कार्य कर रहा है वह, निष्काम कर्मी हैं| पारिवारिक मोह में पड़ा हुआ व्यक्ति, निष्काम कर्मी नहीं हो सकता| निष्काम कर्मी का पूरा जीवन संघर्ष से भरा हुआ दिखाई देगा| कई बार तो निष्काम कर्मी के जीवन में, भोजन के लिए भी संकट होगा किंतु, तब भी वह अपने लक्ष्य से नहीं भटकेगा| यही निष्काम कर्मी की असली पहचान है| कुछ लोग समाज सेवा के नाम पर, निष्काम कर्मी होने का ढोंग करते हैं| ऊपरी तौर पर भले ही ऐसे लोग, सार्वजनिक हित में कार्य करते प्रदर्शित होंगे लेकिन, आंतरिक मनोभाव पारिवारिक मोह में, संपत्ति अर्जन ही होता है| एक न एक दिन ऐसे व्यक्तियों के ढोंग से पर्दा अवश्य उठता है और तब इन्हें, सबके सामने अपमानित होना पड़ता है| निष्काम कर्मी वह दीपक है जो, स्वयं जल कर दूसरों के अंधकार मिटाता है|

क्या मैं निष्काम कर्मी बन सकता हूँ?

क्या मैं निष्काम कर्मी बन सकता हूँ: can i become a selfless worker?
Image by Florian Hausleitner from Pixabay

निष्काम कर्म एक तपस्या है जिसे, करना आसान नहीं किंतु, दृढ़ संकल्प रखने वाले सत्य के प्रेमी के लिए, यह आसान मार्ग है| निष्काम कर्मी बनने से पहले, अपने आवश्यक बंधनों को काटना पड़ता है अर्थात अपने निजी उत्तरदायित्व से मुक्त होना पड़ता है तभी, निष्काम मार्ग अपनाया जा सकेगा| विश्व की समस्याएं निष्काम कर्मी ही मिटा सकते हैं क्योंकि, जब तक मनुष्य अपने स्वार्थ से कार्य करेगा वह, अनजाने में बर्बादी करता रहेगा इसीलिए, निष्काम कर्मयोगी संसार के लिए अति आवश्यक है|

निष्काम मार्ग का चुनाव करना मनुष्य की लाचारी नहीं बल्कि, जरूरी है| मोह में फँसे हुए मनुष्य, जीवन पर्यंत दुख में उलझे रहते हैं जिससे, वह परमानन्द से वंचित रह जाते हैं लेकिन, निष्काम कर्मी अपने जीवन को संघर्ष से सुसज्जित कर अपना जन्म सिद्ध कर लेते हैं|

 

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